काठमांडू। उपप्रधानमंत्री और वित्त मंत्री विष्णु पौडेल ने कहा है कि नेपाल को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ‘ग्रे लिस्ट’ से दो साल की निर्धारित अवधि से पहले निकालने के प्रयास जारी हैं। सरकार समय सीमा के भीतर आवश्यक सुधार करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
गुरुवार को प्रतिनिधि सभा में सांसदों के सवालों का जवाब देते हुए पौडेल ने स्पष्ट किया कि वर्तमान सरकार एफएटीएफ की ग्रे लिस्टिंग के लिए जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय मौजूदा सरकार के कारण नहीं लिया गया था। इस मुद्दे पर वित्त मंत्री ने संसद में श्वेत पत्र पेश करने की भी बात कही और इसके लिए माओवादी पार्टी को मुख्य रूप से जिम्मेदार ठहराया।
जब सांसदों ने सवाल किया कि क्या ग्रे लिस्ट में होने के कारण नेपाल की अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सहायता प्रभावित होगी, तो पौडेल ने भरोसा दिलाया कि सरकार किसी भी नकारात्मक प्रभाव को रोकने के लिए विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रतिनिधियों के लगातार संपर्क में है।
फिलहाल, नेपाल सरकार आम बजट की तैयारी में जुटी हुई है। अमेरिका द्वारा आर्थिक सहायता रोके जाने के बाद नेपाल की ग्रे लिस्ट में शामिल होने से चुनौतियां और बढ़ गई हैं। देश के शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और कृषि क्षेत्र में बाहरी आर्थिक सहायता की अहम भूमिका है, जिससे सरकार के सामने वित्तीय प्रबंधन की कठिनाइयाँ खड़ी हो सकती हैं।