नूंह में तब्लीगी जमात का ऐतिहासिक जलसा: 19 से 21 अप्रैल तक फिरोजपुर झिरका में जुटेंगे लाखों लोग

नूंह। हरियाणा के नूंह जिले में पहली बार तब्लीगी जमात का विशाल जलसा आयोजित होने जा रहा है। यह आयोजन 19 से 21 अप्रैल तक फिरोजपुर झिरका में होगा, जिसमें देश-विदेश से करीब 15 लाख मुस्लिमों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। इसके लिए 121 एकड़ भूमि पर व्यापक इंतजाम किए गए हैं, जिनमें बैठने और पार्किंग की सुविधाएं शामिल हैं। जलसा स्थल पर सुरक्षा का जिम्मा पुलिस के हाथों में रहेगा, लेकिन पुलिस की एंट्री केवल बाहर तक सीमित रहेगी, और आयोजन स्थल के अंदर शांति बनाए रखने का कार्य आयोजन समिति के द्वारा किया जाएगा।

जमात कार्यक्रम के मीडिया कोर्डिनेटर रफीक मास्टर ने बताया कि इस ऐतिहासिक जलसे में हजरत निजामुद्दीन से मौलाना साद साहब अपने विचार साझा करेंगे। यह तीन दिवसीय कार्यक्रम पिछले चार महीनों से तैयारियों के साथ चल रहा है, जिसमें विशेषज्ञों की मदद भी ली जा रही है ताकि किसी प्रकार की कमी न रहे।

जलसा के दौरान विशेष नियम भी लागू होंगे, जैसे कि चिकन के अलावा किसी अन्य पशु के मांस की बिरयानी बेचने पर रोक रहेगी। तब्लीगी जमात की शिक्षा का इतिहास मेवात से जुड़ा हुआ है, जहां 1926-27 में हजरत मौलाना इलियास ने इस्लामिक शिक्षा का प्रचार करना शुरू किया था। यही वजह है कि मेवात को तब्लीगी जमात का केंद्र माना जाता है। आज, यह जमात दुनिया के लगभग 150 देशों में फैली हुई है।

रफीक मास्टर ने बताया कि तब्लीगी जमात मेवात को हरियाणा, राजस्थान, यूपी और दिल्ली के कुछ हिस्सों को एक विशेष क्षेत्र मानती है, और इन जगहों पर समय-समय पर जलसों का आयोजन करती है। पिछली बार यह जलसा राजस्थान में आयोजित किया गया था। जलसा में मौलाना साद और अन्य प्रमुख मौलानाओं द्वारा इस्लामिक रास्तों पर चलने की प्रेरणा दी जाएगी, जिससे यह कार्यक्रम एक ऐतिहासिक और धार्मिक आयोजन बन जाएगा।

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