नक्सली रवि की शवयात्रा बनी शक्ति प्रदर्शन, झंडे-बैनर और नारों के साथ तेलंगाना में हुआ अंतिम विदाई का महिमामंडन

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के सुकमा सीमा क्षेत्र में 18 जून को मुठभेड़ में मारे गए 40 लाख के इनामी और सेंट्रल कमेटी मेंबर नक्सली गजराला रवि उर्फ उदय की शव यात्रा शुक्रवार को तेलंगाना में नक्सली समर्थकों के लिए शक्ति प्रदर्शन का मंच बन गई। फूलों से सजे वाहन, हाथों में लाल झंडे-बैनर, गूंजते नारे और बैंड-बाजे की गूंज के साथ शव यात्रा निकाली गई, जिसमें न केवल उसके परिजन बल्कि बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और नक्सली समर्थक भी शामिल हुए।

तेलंगाना के वेलिशाला गांव में जैसे ही रवि का शव पहुंचा, माहौल भावनात्मक और उग्र दोनों रूपों में बदल गया। गजराला रवि को नायक की तरह विदाई दी गई। फूलों से सजी गाड़ी में रखे गए शव के साथ नक्सल समर्थकों ने गांव की गलियों में मार्च किया। नारों और बैंड-बाजे के बीच रवि की शव यात्रा ने नक्सलियों की जमीनी पकड़ की एक झलक पेश की, जो सरकार के “नक्सल-मुक्त भारत” के मिशन को कठोर चुनौती देती है।

ये वही रवि था, जो सेंट्रल कमेटी के साथ-साथ आंध्र-ओडिशा बॉर्डर स्पेशल जोनल कमेटी का भी हिस्सा था और कई सालों से नक्सली गतिविधियों में सक्रिय था। पुलिस रिकॉर्ड बताता है कि वह एक बेहद दुर्दांत और रणनीतिक स्तर पर प्रभावशाली नक्सली था।

इससे पहले भी तेलंगाना में एक करोड़ के इनामी चलपति और भास्कर राव की मौत के बाद इसी तरह का महिमामंडन हो चुका है। सवाल यह उठता है कि जब किसी वांछित नक्सली की मौत के बाद भी इस तरह से उसे नायक के रूप में प्रस्तुत किया जाए, तो क्या वाकई नक्सलवाद के खात्मे की उम्मीद जल्द पूरी हो पाएगी?

बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने कहा है कि सुरक्षाबलों की कार्रवाई लगातार जारी है। पिछले कुछ महीनों में नक्सल संगठन के कई बड़े चेहरे — बसवा राजू, सुधाकर, चलपति — मारे जा चुके हैं। 18 जून की मुठभेड़ में रवि के साथ स्टेट कमेटी मेंबर अरुणा और एक अन्य नक्सली भी ढेर हुआ। बीते एक वर्ष में 13 बड़े नक्सली कैडर को खत्म किया गया है।

हालांकि, जिस तरह से नक्सली समर्थकों द्वारा खुलेआम शव यात्रा को एक रैली का रूप देकर उसे महिमामंडित किया जा रहा है, वह इस बात का संकेत है कि जमीन पर अभी भी नक्सल विचारधारा का प्रभाव जीवित है। और जब तक इसे सामाजिक स्तर पर चुनौती नहीं दी जाती, तब तक केवल बंदूक की गोलियों से नक्सलवाद के खात्मे की बात अधूरी ही रहेगी।

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