दो भारतीय युद्धपोत 30 टन राहत सामग्री लेकर म्यांमार पहुंचे, एक और जहाज रवाना

नई दिल्ली। म्यांमार में आए भूकंप के बाद भारत द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन ‘ब्रह्मा’ के तहत भारतीय नौसेना के दो युद्धपोत मंगलवार सुबह 30 टन राहत सामग्री लेकर यांगून पहुंचे। भारत के राजदूत भारत ठाकुर ने यह राहत सामग्री, जिसमें खाद्य सामग्री, चिकित्सा आपूर्ति और टेंट शामिल थे, यांगून के मुख्यमंत्री यू सोई थीन को सौंपी। एक अन्य भारतीय नौसेना का जहाज आईएनएस घड़ियाल भी आज सुबह विशाखापत्तनम से यांगून के लिए रवाना हुआ है, जिसमें 440 टन से अधिक राहत सामग्री लदी है, जिसमें चावल, खाद्य तेल और दवाइयां शामिल हैं।

नौसेना के जहाज करमुक और एलसीयू-52 अंडमान और निकोबार कमान के श्रीविजयपुरम से 30 मार्च को यांगून के लिए रवाना किए गए थे। इन जहाजों में आवश्यक कपड़े, पानी, भोजन, दवाइयां और आपातकालीन राहत सामग्री थी। दोनों जहाज आज सुबह यांगून पहुंचे और राहत सामग्री को राजदूत अभय ठाकुर के माध्यम से मुख्यमंत्री को सौंप दिया।

इसके अतिरिक्त, आईएनएस सतपुड़ा और आईएनएस सावित्री ने 31 मार्च को लगभग 40 टन राहत सामग्री के साथ यांगून की ओर प्रस्थान किया था और वहां पहुंचकर राहत कार्य शुरू कर दिया है। भारतीय नौसेना म्यांमार के प्रभावित क्षेत्रों में सहायता प्रदान करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। ऑपरेशन ‘ब्रह्मा’ के तहत भारतीय वायु सेना के छह विमान और भारतीय नौसेना के पांच युद्धपोतों ने यांगून, नेपीता और मांडले तक पहली प्रतिक्रिया के तौर पर बड़ी मात्रा में सहायता भेजी है।

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