नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली और एनसीआर में शुक्रवार शाम एक बार फिर धरती कांप उठी। लगातार दूसरे दिन महसूस किए गए भूकंप के झटकों ने लोगों को चौंका दिया। जैसे ही ज़मीन हिली, लोग घरों, दफ्तरों और दुकानों से निकलकर खुले स्थानों की ओर दौड़ पड़े। हालांकि राहत की बात यह रही कि किसी प्रकार की जनहानि या संपत्ति को नुकसान की खबर नहीं है।
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार, शुक्रवार शाम 7 बजकर 49 मिनट पर आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.7 मापी गई। इसका केंद्र हरियाणा के झज्जर में 10 किलोमीटर की गहराई में था। यह वही इलाका है जहां गुरुवार सुबह भी धरती हिली थी।
गुरुवार को भी दिल्ली-एनसीआर ने दो बार भूकंप के झटके महसूस किए थे, जिनकी तीव्रता क्रमशः 4.4 और 3.0 थी। इन दोनों झटकों का केंद्र भी झज्जर क्षेत्र में ही था। विशेषज्ञों के मुताबिक यह क्षेत्र अब सिस्मिक एक्टिव ज़ोन में आता दिख रहा है, जिससे लोगों की चिंता बढ़ती जा रही है।
गौरतलब है कि इससे पहले 17 फरवरी को भी दिल्ली और आसपास के इलाकों में तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, जिनकी वजह से लोग रात में नींद से जागकर दहशत में बाहर निकल आए थे। उस समय भूकंप का केंद्र नई दिल्ली में था और इसकी गहराई मात्र 5 किलोमीटर थी, जिससे झटके कहीं ज्यादा तेज लगे।
भूकंप क्यों आते हैं?
वैज्ञानिक बताते हैं कि पृथ्वी की सतह सात बड़ी और कई छोटी टेक्टोनिक प्लेटों से बनी है जो लगातार गतिशील रहती हैं। जब ये प्लेटें आपस में टकराती हैं या खिसकती हैं, तो भीतर जमा ऊर्जा एक झटके के रूप में बाहर आती है — जिसे हम भूकंप कहते हैं। लगातार झज्जर को केंद्र बनाकर आ रहे झटके यही संकेत दे रहे हैं कि वहां भूगर्भीय गतिविधियां तेज़ हैं।
सावधानी ही सुरक्षा:
भूकंप जैसी आपदाएं कब दस्तक दें, कहा नहीं जा सकता। ऐसे में जरूरी है कि लोग सतर्क रहें, भूकंप से जुड़े सुरक्षा नियमों को समझें और पालन करें।