तेहरान। ठीक उस वक्त जब ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु कार्यक्रम को लेकर अहम बातचीत की तैयारी चल रही है, सऊदी अरब ने एक चौंकाने वाला राजनयिक कदम उठाया है। सऊदी रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान गुरुवार को एक महत्वपूर्ण आधिकारिक दौरे पर तेहरान पहुंचे, जिसने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है।
तेहरान पहुंचते ही प्रिंस खालिद ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई से मुलाकात की और सऊदी किंग सलमान बिन अब्दुलअज़ीज़ का विशेष संदेश उन्हें सौंपा। यह मुलाकात ऐसे वक्त में हुई जब खाड़ी देशों में तनाव और परमाणु मुद्दे को लेकर असमंजस बना हुआ है।
ईरानी मीडिया के अनुसार, खामेनेई ने स्पष्ट रूप से कहा, “ईरान और सऊदी अरब के बीच मजबूत रिश्ते दोनों देशों और पूरे क्षेत्र के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं।” उन्होंने यह भी दोहराया कि तेहरान, रियाद के साथ संबंध सुधारने के लिए सभी अड़चनों को हटाने को तैयार है।
गौरतलब है कि 2023 में चीन की मध्यस्थता से दोनों देशों ने वर्षों की कटुता को पीछे छोड़ते हुए राजनयिक रिश्तों की फिर से शुरुआत की थी—जो पश्चिम एशिया की राजनीति में एक ऐतिहासिक मोड़ था।
तेहरान यात्रा के दौरान प्रिंस खालिद ने ईरान की सेना के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाघेरी से भी खास बैठक की। बाघेरी ने कहा, “बीजिंग समझौते के बाद से ईरानी और सऊदी सेनाओं के बीच संबंधों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।”
इस बीच सऊदी अरब ने अमेरिका-ईरान परमाणु वार्ता का समर्थन करते हुए इसे क्षेत्रीय शांति की दिशा में अहम पहल बताया है। बताया जा रहा है कि इस सप्ताहांत रोम में दोनों देशों के बीच दूसरे दौर की बातचीत होगी, जिसमें ईरान का विवादित यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम केंद्र में रहेगा।
नज़रें अब रोम पर टिकी हैं — लेकिन सऊदी के इस ‘शांति संदेश’ ने पश्चिम एशिया के समीकरणों को और दिलचस्प बना दिया है।