ढाका। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में सियासी उठापटक के बीच ढाका साउथ सिटी कॉरपोरेशन के कर्मचारियों का जोरदार आंदोलन रंग ला गया। हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने वाली याचिका खारिज कर दी, जिससे बीएनपी नेता इशराक हुसैन के मेयर पद की शपथ ग्रहण का मार्ग पूरी तरह साफ हो गया है।
कठिन संघर्ष के बाद मिली जीत
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के प्रमुख इशराक हुसैन को मेयर नियुक्त करने की चुनाव आयोग की अधिसूचना को लेकर विवाद थमा नहीं था। अदालत में चुनौती के चलते इशराक अभी तक पद की शपथ नहीं ले पाए थे। लेकिन अब जस्टिस मोहम्मद अकरम हुसैन चौधरी और जस्टिस देबाशीष रॉय चौधरी की खंडपीठ ने याचिका खारिज करते हुए साफ कर दिया कि अब कोई कानूनी बाधा नहीं बची है।
अधिकारियों के लिए बड़ा संदेश
इशराक के वकील बैरिस्टर एएम महबूब उद्दीन खोकन ने कोर्ट के आदेश के बाद कहा, “अगर उन्हें शपथ नहीं दिलाई गई, तो इसे अदालत की अवमानना माना जाएगा।” यह साफ संकेत है कि संबंधित अधिकारी अब जल्द ही इशराक को मेयर पद की शपथ दिलाने के लिए बाध्य हैं।
याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
हालांकि, चुनाव आयोग की अधिसूचना को चुनौती देने वाले पक्ष के वकील मोहम्मद हुसैन लिपु ने कहा कि वे हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट के अपीलीय प्रभाग में चुनौती देंगे। इसके लिए दोपहर या रविवार को याचिका दायर करने की तैयारी है।
आंदोलन ने बढ़ाया दबाव
इस पूरे घटनाक्रम के बीच कल ढाका साउथ सिटी कॉरपोरेशन के कर्मचारियों ने अपने मुख्यालय नगर भवन के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया था। कई सरकारी विभागों में ताले लगाकर कामकाज ठप कर दिया गया और मत्स्य भवन चौराहे पर भी जाम लगा दिया गया था। इस आंदोलन ने प्रशासन और चुनाव आयोग पर इशराक के शपथ ग्रहण के लिए दबाव बनाना सुनिश्चित किया।
अब ढाका साउथ की जनता तैयार है नए मेयर के स्वागत के लिए, जबकि राजनीतिक हलचल के बीच कर्मचारियों की एकजुटता ने साबित कर दिया कि जब तक जायज़ मांग पूरी नहीं होती, संघर्ष रुका नहीं जाता।