नई दिल्ली। केंद्र सरकार की शिक्षा क्रांति की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए केंद्रीय शिक्षा और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार ने बुधवार को आईसीएआर, नई दिल्ली में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन किया। यह कार्यशाला प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (PM-USHA) के अंतर्गत बहु-विषयक शिक्षा एवं अनुसंधान विश्वविद्यालयों (MERU) की अवधारणा को साकार करने पर केंद्रित है।
अपने उद्घाटन भाषण में डॉ. मजूमदार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 को “नई पीढ़ी को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने वाला रोडमैप” बताया। उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला में देशभर के 64 से अधिक विश्वविद्यालयों के कुलपति और राज्य परियोजना निदेशक हिस्सा ले रहे हैं। इस मंच पर केंद्र और राज्य सरकारों के सहयोग से शिक्षा क्षेत्र में बड़े बदलावों को लागू करने की दिशा में रणनीति बनाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि 35 विश्वविद्यालयों को MERU के तहत 100-100 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है, जिससे शोध, नवाचार और बहु-विषयक शिक्षा को बढ़ावा मिल सके। इस योजना में 44 प्रमुख शैक्षणिक गतिविधियों को शामिल किया गया है।
डॉ. मजूमदार ने सभी शिक्षाविदों और अधिकारियों से 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य में सक्रिय भागीदारी निभाने की अपील की। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य ऐसे विश्वविद्यालय बनाना है जो नवाचार, समावेश और वैश्विक उत्कृष्टता के प्रतीक बनें।”
इस मौके पर उच्च शिक्षा सचिव डॉ. विनीत जोशी ने भी छात्रों को 21वीं सदी के लिए तैयार करने में NEP की अहम भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने शोध और मातृभाषा में शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए संस्थानों से देश-विदेश की श्रेष्ठ शैक्षणिक प्रथाओं को अपनाने का आग्रह किया।
यह कार्यशाला उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत मानी जा रही है, जहां नवाचार और बहु-विषयक सोच को प्राथमिकता दी जा रही है।