NIRMALA SITHARAMAN

डिजिटल इंडिया अब सिर्फ योजना नहीं, बना जन आंदोलन : निर्मला सीतारमण

नई दिल्ली। ‘डिजिटल इंडिया’ अब केवल एक सरकारी योजना नहीं रह गई है, बल्कि यह देशभर में जनभागीदारी का प्रतीक बन चुकी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर यह बात कही और बताया कि कैसे यह पहल आत्मनिर्भर भारत के निर्माण और भारत को वैश्विक स्तर पर इनोवेशन का भरोसेमंद साझेदार बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।

सीतारमण ने लिखा, “डिजिटल इंडिया मिशन ने देश के सबसे सुदूर इलाकों तक इंटरनेट की पहुंच सुनिश्चित कर सरकारी सेवाओं को आम जनता की उंगलियों तक पहुंचा दिया है। इससे भारत में डिजिटल डिवाइड को खत्म करने में जबरदस्त सफलता मिली है।”

उन्होंने देश में डिजिटल पेमेंट की क्रांति को भी सराहा और कहा, “स्कैन, पे, डन — भारत की यूपीआई क्रांति आज दुनिया के लगभग आधे रियल टाइम डिजिटल ट्रांजैक्शंस को संचालित कर रही है।”

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भी डिजिटल इंडिया की सफलता को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यूपीआई, डीबीटी, जीईएम, ओएनडीसी और स्वामित्व जैसी पहलों के जरिए भारत सिर्फ डिजिटल गवर्नेंस में ही नहीं, बल्कि ग्लोबल डिजिटल लीडरशिप की ओर भी बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट में लिखा, “जब इरादा सही हो तो इनोवेशन, कमज़ोर को ताकतवर बनाता है। दशकों तक दुनिया ने भारतीयों की तकनीकी समझ पर सवाल उठाए, लेकिन अब हमने यह धारणा बदल दी है और तकनीक में अपनी क्षमता साबित की है।”

केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कृषि क्षेत्र में डिजिटल इंडिया के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि ई-नाम प्लेटफॉर्म ने किसानों को देशभर के खरीदारों से जोड़कर एक क्रांति ला दी है। उन्होंने बताया, “1.7 करोड़ किसान अब 1,400 से ज्यादा मंडियों से जुड़े हैं, और व्यापार का कुल मूल्य 4 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच चुका है। यह सब प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व का ही परिणाम है।”

डिजिटल इंडिया के 10 साल पूरे होने पर यह साफ है कि यह केवल तकनीक का उपयोग भर नहीं, बल्कि हर भारतीय को सशक्त करने का संकल्प बन चुका है।

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