डा.आंबेडकर का सपना पूरा करने को सरकारें छोड़ें जातिवाद व स्वार्थ की राजनीति: मायावती

लखनऊ। संविधान निर्माता और भारतरत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती आज (सोमवार) देशभर में मनाई जा रही है। इस मौके पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने कहा कि उन्होंने देश के 125 करोड़ दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और अन्य उपेक्षित वर्गों से अपील की है कि वे बसपा से जुड़कर आंबेडकरवाद को अपनाएं।

बसपा प्रमुख ने एक बयान में कहा कि अगर बहुजनों को उत्पीड़न और अन्याय से मुक्ति चाहिए, तो उन्हें सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करनी होगी। इसके लिए इन वर्गों का एकजुट होना जरूरी है, ताकि विरोधियों की साजिशों को नाकाम किया जा सके। मायावती ने सरकारों से जातिवाद और स्वार्थी राजनीति को छोड़कर संविधानवादी भारतीय बनने की अपील की, जिससे डॉ. आंबेडकर के जीवन के संघर्ष के अनुरूप एक समतामूलक और जातिवाद से मुक्त भारत का सपना साकार हो सके।

उन्होंने कहा कि देश को महान और विकसित बनाने के लुभावने नारे सिर्फ राजनीतिक और चुनावी उद्देश्य की पूर्ति के लिए हैं, और ये नारे अमीरों को और अमीर बना रहे हैं। वहीं, देश के करोड़ों गरीब, बेरोजगार, महंगाई, अशिक्षा, पलायन और पिछड़ेपन से त्रस्त लोग इन योजनाओं का कोई वास्तविक लाभ नहीं पा रहे हैं। इस स्थिति में संविधान के सर्वजन हितैषी कल्याणकारी शासन की स्थापना संभव नहीं हो पा रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी के शासन की तरह, भाजपा शासन में भी दलितों और अन्य उपेक्षित वर्गों की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिति लगातार खराब हो रही है। इन वर्गों के संवैधानिक आरक्षण के अधिकार पर हमले हो रहे हैं, जिससे इनका जीवन और भी कठिन होता जा रहा है। इसके अलावा, जातिवादी पार्टियों और स्वार्थी तत्वों का बोलबाला बढ़ता जा रहा है, जिससे मुस्लिम और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकार और सुरक्षा भी खतरे में हैं। इसके कारण देश में राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक तनाव बढ़ रहा है, जो विकास के मार्ग में बाधक बन रहा है।

मायावती ने कहा कि डॉ. आंबेडकर की जयंती को यूपी और पूरे देश में जिला स्तर पर विचार संगोष्ठी के रूप में मनाया जा रहा है, जिसके लिए उन्होंने आभार व्यक्त किया।

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SALMAN KHAN

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