वाशिंगटन। संयुक्त राज्य अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने एक जिला अदालत के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें एलन मस्क के सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) के सदस्यों को सामाजिक सुरक्षा प्रशासन (SSA) के संवेदनशील नागरिक डेटा तक पहुंच प्राप्त करने से रोका गया था।
इस मामले में, ट्रंप प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि वह डीओजीई के कर्मचारियों को SSA के डेटा तक पहुंच प्रदान करने का आदेश दे, ताकि वे अपने मिशन को अंजाम दे सकें। सॉलिसिटर जनरल डी. जॉन सॉयर ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि इस पर तत्काल दखल देना जरूरी है, क्योंकि एक जिला न्यायालय का फैसला संघीय प्राथमिकताओं को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है और कार्यकारी शाखा की गतिविधियों को बाधित कर सकता है।
द न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, ट्रंप प्रशासन ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाने का फैसला किया, क्योंकि मैरीलैंड में एक संघीय न्यायाधीश ने एलन मस्क के विभाग को लाखों अमेरिकियों के डेटा तक पहुंच से रोकते हुए इसे संघीय गोपनीयता कानून का उल्लंघन माना था। न्यायाधीश का मानना था कि मस्क के विभाग ने यह डेटा प्राप्त कर संघीय गोपनीयता कानून का उल्लंघन किया है।
ट्रंप प्रशासन ने इस आदेश पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि न्यायाधीश ने अपने अधिकार क्षेत्र की सीमा पार की है और डीओजीई को होटल के कमरों में घुसपैठियों जैसा करार दिया, जबकि वे कर्मचारियों के रूप में काम कर रहे थे जो एजेंसी की तकनीकी प्रक्रिया को सुधारने और अनावश्यक खर्चों को खत्म करने की कोशिश कर रहे थे।
सॉलिसिटर जनरल सॉयर ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि जिला न्यायालयों को सरकार के कार्यों और राष्ट्रपति के एजेंडे के संबंध में गोपनीयता कानून का पालन करते हुए अपनी दृष्टिकोण को हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए।
गौरतलब है कि एलन मस्क के विभाग ने SSA से जुड़े डेटा की पहुंच की मांग की थी ताकि बेकार खर्चों को रोका जा सके। मस्क ने दावा किया था कि लाखों मृत अमेरिकी नागरिक अभी भी सामाजिक सुरक्षा चेक प्राप्त कर रहे हैं। इस पर दो श्रमिक संघों और एक वकालत समूह ने SSA के खिलाफ मुकदमा दायर किया था।