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ट्रंप का विवादित फैसला: 12 देशों पर अमेरिका में एंट्री बैन, पाकिस्तान को छोड़ा तो मचा बवाल

वॉशिंगटन। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर सख्त रुख अपनाते हुए ईरान और अफगानिस्तान समेत 12 देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है। ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए इस आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि उन्होंने ‘आतंकवाद की नर्सरी’ कहे जाने वाले पाकिस्तान को इस सूची से बाहर रखा है। इस पर एक्सपर्ट्स ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और ट्रंप पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया है।

ट्रंप का यह फैसला कोलराडो में एक यहूदी विरोध प्रदर्शन पर हुए फ्लेमथ्रोवर हमले के बाद आया, जिसमें हमलावर एक अवैध प्रवासी निकला। इसके बाद ट्रंप ने तत्काल एक्शन लेते हुए 12 देशों पर यात्रा प्रतिबंध लगा दिया। इनमें अफगानिस्तान, ईरान, म्यांमार, चाड, कांगो, इक्वेटोरियल गिनी, इरीट्रिया, हैती, लीबिया, सोमालिया, सूडान और यमन शामिल हैं।

इसके अलावा ट्रंप ने सात और देशों—बुरुंडी, क्यूबा, लाओस, सिएरा लियोन, टोगो, तुर्कमेनिस्तान और वेनेजुएला—पर आंशिक यात्रा प्रतिबंध भी लागू किए हैं।

लेकिन पाकिस्तान को इस सूची से बाहर रखने पर एक्सपर्ट्स खासे नाराज़ हैं। रक्षा मामलों के जानकार ब्रह्मा चेलानी ने सोशल मीडिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि “जहां एक ओर म्यांमार जैसे देश को बैन किया गया है, वहां पाकिस्तान जैसे आतंकवाद प्रायोजक को छूट देना ट्रंप की नीति में डीप स्टेट की झलक दिखाता है।”

चेलानी का तर्क है कि अमेरिका एक ओर म्यांमार में जुंटा विरोधी विद्रोहियों की मदद कर रहा है, वहीं दूसरी ओर अपने रणनीतिक हितों को साधने के लिए पाकिस्तान को ‘फेवर’ दे रहा है।

ट्रंप के इस फैसले ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है—क्या अमेरिका वाकई वैश्विक सुरक्षा को लेकर ईमानदार है या फिर उसके फैसले रणनीतिक गठजोड़ों और गुप्त समझौतों से संचालित होते हैं?

ADANI

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