रियाद: सऊदी अरब की राजधानी रियाद में एक चौंकाने वाली मुलाकात ने मध्य पूर्व की राजनीति में तूफान ला दिया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा की चाय पर हुई गुफ्तगू ने खास तौर पर इजराइल को सकते में डाल दिया है।
अहमद अल-शरा—जिसे दुनिया कभी आतंकी अबू मोहम्मद अल-जोलानी के नाम से जानती थी और जिस पर अमेरिका ने 10 मिलियन डॉलर का इनाम रखा था—अब सीरिया का नया चेहरा बन चुका है। शरा को सीरिया में बशर अल-असद की तानाशाही सरकार को गिराने और ईरान समर्थित आतंकियों को बाहर खदेड़ने का श्रेय दिया जा रहा है।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप और शरा की मुस्कुराते हुए तस्वीरें अब व्हाइट हाउस और सऊदी मंत्रालय की वेबसाइटों पर छाई हुई हैं। ट्रंप ने इस पूर्व जिहादी को “मजबूत और आकर्षक युवा नेता” बताया और कहा कि उसके पास नया सीरिया बनाने का शानदार मौका है।
लेकिन इस अप्रत्याशित मेल-मिलाप से इजराइल भड़क उठा है। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्रंप को चेताया था कि सीरिया पर लगे प्रतिबंध हटाना खतरनाक हो सकता है, जो कि 7 अक्टूबर 2023 जैसे हमलों की पुनरावृत्ति की जमीन तैयार कर सकता है।
नेतन्याहू ने शरा सरकार को लेकर शुरू से ही आक्रामक रुख अपनाया है। असद के पतन के बाद उन्होंने सीरिया में अभूतपूर्व सैन्य हमले कराए। इजराइल ने सीरिया की रणनीतिक चोटी माउंट हरमोन पर कब्ज़ा कर लिया, जिससे वह सीरिया और लेबनान की गतिविधियों पर पैनी नजर रख सके।
ट्रंप और शरा की मीटिंग में अमेरिका की तरफ से इजराइल के साथ संबंध सामान्य करने, आईएसआईएस के पुनः उभार को रोकने और विदेशी आतंकियों को निकालने जैसे प्रस्ताव रखे गए। सीरियाई विदेश मंत्रालय ने कहा कि ट्रंप ने इस नाजुक मोड़ पर सीरिया का साथ देने का भरोसा जताया है।
अब देखना यह है कि क्या यह नई साझेदारी मध्य पूर्व की दशकों पुरानी राजनीतिक धारा को मोड़ देगी, या फिर नया संघर्ष छेड़ेगी।