SHOP, CLOSED, LOCK

जोधपुर में रेड अलर्ट का असर: बाजार बंद, सायरन बजते ही सड़कों पर पसरा सन्नाटा

जोधपुर। पहलगाम आतंकी हमले और भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के चलते जोधपुर में शनिवार सुबह अचानक रेड अलर्ट घोषित कर दिया गया। प्रशासन के आदेश के बाद पूरे शहर में अफरातफरी का माहौल बन गया। बाजार, दुकानें और प्रतिष्ठान एक-एक कर बंद होने लगे और चंद घंटों में ही सड़कों पर वीरानी छा गई।

बीते तीन दिनों से जोधपुर में रात्रिकालीन ब्लैकआउट जारी है। शुरूआत में 15 मिनट के ब्लैकआउट के बाद अब हर रात अल सुबह 5 बजे तक बिजली बंद रखी जा रही है। शनिवार सुबह प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए पूरे शहर को रेड अलर्ट जोन में तब्दील कर दिया। जिला प्रशासन ने आमजन से घरों में सुरक्षित रहने और भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर रहने की अपील की है।

जिला कलेक्टर ने की अपील

जिला कलेक्टर एवं नागरिक सुरक्षा नियंत्रक गौरव अग्रवाल ने कहा, “स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सभी लोग अपने घरों में ही रहें। किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन का सहयोग करें।”

प्रशासन की घोषणा के बाद पुलिस ने गश्त बढ़ा दी और लाउडस्पीकर से दुकानें बंद कराने और लोगों को घरों में लौटने के निर्देश देने लगी। बाजारों में सन्नाटा पसर गया और लोग तेजी से अपने घरों की ओर लौटने लगे।

सीमावर्ती जिलों में भी हाई अलर्ट

जोधपुर के अलावा जैसलमेर, बाड़मेर और बीकानेर में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।

पेट्रोल पंप और किराना दुकानों पर उमड़ी भीड़

जैसे ही बाजार बंद करने के आदेश दिए गए, लोग पेट्रोल पंपों और किराना दुकानों की ओर दौड़ पड़े। पेट्रोल पंपों पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और लोग जरूरी सामान खरीदने के लिए किराना दुकानों पर भी टूट पड़े।

सायरनों की आवाज से मची हलचल

शनिवार दोपहर करीब 12 बजे शहर में सायरन बजने लगे, जिससे लोगों में हड़कंप मच गया। प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी। सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि ड्रोन हमले के बाद पाकिस्तान किसी भी वक्त जवाबी कार्रवाई कर सकता है, इसलिए सुरक्षा के मद्देनजर आवाजाही सीमित कर दी गई है।

बसों और ऑटो में मची भगदड़

रेड अलर्ट की खबर फैलते ही रोडवेज और प्राइवेट बसों में यात्रियों की भीड़ उमड़ पड़ी। हालात ये हो गए कि लोग बसों की छतों पर बैठकर सफर करने को मजबूर हो गए। वहीं, ऑटो रिक्शा चालकों ने इस मौके का फायदा उठाते हुए मनमाना किराया वसूला, जिससे यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

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