नई दिल्ली। जन औषधि दिवस के अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएम-बीजेपी) ने स्वास्थ्य सेवाओं को ‘अच्छी भी, सस्ती भी’ मंत्र के तहत पूरी तरह बदल दिया है। इस पहल से सभी नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली और किफायती दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे अब तक 30,000 करोड़ रुपये की बचत हो चुकी है।
इस योजना के तहत 2,047 दवाएं और 300 से अधिक सर्जिकल आइटम शामिल हैं, जो विभिन्न चिकित्सा आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। अन्य मुफ्त दवा योजनाओं के विपरीत, पीएम-बीजेपी गुणवत्ता की सख्त जांच, प्रतिस्पर्धी खरीद प्रक्रियाओं और पीएमबीआई (भारतीय औषधि और चिकित्सा उपकरण ब्यूरो) द्वारा संचालित एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला के माध्यम से दीर्घकालिक स्थिरता बनाए रखता है।
दूरदराज के इलाकों में उद्यमशीलता को बढ़ावा
जेपी नड्डा ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो साझा करते हुए बताया कि दूरदराज के क्षेत्रों में एससी, एसटी समुदायों, महिलाओं और छोटे व्यवसायों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष लाभ दिए जा रहे हैं। भारत से आगे बढ़ते हुए पहला विदेशी जन औषधि केंद्र मॉरीशस में स्थापित किया गया है। उन्होंने बताया कि 2027 तक 25,000 जन औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा गया है और नागरिकों से इन केंद्रों का अधिकतम लाभ उठाने की अपील की।
जन औषधि दिवस: जागरूकता बढ़ाने की पहल
हर साल 7 मार्च को ‘जन औषधि दिवस’ मनाया जाता है ताकि इस योजना के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके और जेनेरिक दवाओं के उपयोग को प्रोत्साहित किया जा सके। इस पहल के समर्थन में 1 से 7 मार्च तक पूरे देश में सप्ताहभर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
इस साल 1 मार्च को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में एक भव्य समारोह के साथ इस अभियान की शुरुआत की गई। उल्लेखनीय है कि पीएम-बीजेपी को नवंबर 2008 में रसायन और उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा केंद्रीय फार्मा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के सहयोग से शुरू किया गया था।