MARKET, BUSINESS, SERVICE SECTOR

जून में भारत का सेवा क्षेत्र 10 महीने की ऊंचाई पर, घरेलू और विदेशी मांग से मिली नई रफ्तार

नई दिल्ली, 3 जुलाई। देश की सेवा अर्थव्यवस्था ने जून में जबरदस्त रफ्तार पकड़ी है। एचएसबीसी के ताज़ा सर्वे के मुताबिक, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मांग बढ़ने से भारत के सेवा क्षेत्र की गतिविधियां 10 महीने के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई हैं।

एसएंडपी ग्लोबल द्वारा जारी सीजनली एडजस्टेड एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स मई के 58.8 से उछलकर जून में 60.4 पर पहुंच गया। गौरतलब है कि पीएमआई का 50 से ऊपर होना आर्थिक विस्तार का संकेत होता है, जबकि इससे नीचे का आंकड़ा संकुचन दर्शाता है।

सर्वे में शामिल कंपनियों ने बताया कि अगस्त 2024 के बाद से नए ऑर्डर में सबसे तेज़ वृद्धि दर्ज की गई है। घरेलू बाजार की स्थिर मांग के साथ-साथ एशियाई, मध्य पूर्व और अमेरिका जैसे विदेशी बाजारों से भी अच्छा ऑर्डर मिला, जिससे निर्यात कारोबार में तेजी आई।

सेवा क्षेत्र के इस विस्तार का सीधा असर नौकरियों पर भी पड़ा है। लगातार 37वें महीने रोजगार में वृद्धि दर्ज की गई, और यह वृद्धि दीर्घकालिक औसत से अधिक रही। साथ ही, इनपुट लागत मुद्रास्फीति की दर जून में 10 महीनों के न्यूनतम स्तर पर रही, जो कंपनियों के लिए राहत की खबर है।

हालांकि, सर्वे ने यह भी बताया कि भविष्य को लेकर कंपनियों का आत्मविश्वास थोड़ा डगमगाया है। जहां 18% सेवा प्रदाताओं ने अगले 12 महीनों में उत्पादन बढ़ने की उम्मीद जताई, वहीं यह अनुपात 2022 के मध्य के बाद सबसे कम रहा। आत्मविश्वास का समग्र स्तर भी दीर्घकालिक औसत से नीचे रहा।

एक और बड़ी बात यह रही कि सेवा और विनिर्माण क्षेत्र को मिलाकर बना एचएसबीसी कंपोजिट पीएमआई जून में 59.3 से बढ़कर 61.0 पर पहुंच गया, जो पिछले 14 महीनों में सबसे तेज़ वृद्धि है।

इससे साफ है कि भारत की सेवा अर्थव्यवस्था इस वक्त मजबूती से आगे बढ़ रही है और विनिर्माण क्षेत्र भी उसके कदम से कदम मिलाकर चल रहा है।

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