नई दिल्ली। नए वित्तीय वर्ष 2025-26 के शुरू होते ही सरकार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के रूप में शानदार राजस्व मिला है। मार्च महीने में जीएसटी राजस्व संग्रह में 9.9% की बढ़ोतरी हुई, जो 1.96 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा, जबकि फरवरी में यह आंकड़ा 1.84 लाख करोड़ रुपये था।
जीएसटी महानिदेशालय द्वारा मंगलवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, मार्च में जीएसटी संग्रह में 9.9% की वृद्धि हुई और यह 1.96 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा। इसमें केंद्रीय जीएसटी का हिस्सा 38,100 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी का 49,900 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी का 95,900 करोड़ रुपये और जीएसटी उपकर का 12,300 करोड़ रुपये रहा।
आंकड़ों के मुताबिक, मार्च महीने में घरेलू लेन-देन से जीएसटी संग्रह 8.8% बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये और आयातित वस्तुओं से राजस्व संग्रह 13.56% बढ़कर 46,919 करोड़ रुपये हुआ। मार्च में रिफंड 41% बढ़कर 19,615 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। रिफंड समायोजित कर, मार्च 2025 में शुद्ध जीएसटी राजस्व संग्रह 1.76 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा, जो पिछले साल की समान अवधि से 7.3% अधिक है।
यह लगातार 13वां महीना है जब जीएसटी संग्रह 1.7 लाख करोड़ रुपये से ऊपर रहा है। इस तिमाही में कुल जीएसटी संग्रह 5.8 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान तिमाही से 10.4% अधिक है। अब तक का सबसे अधिक जीएसटी संग्रह अप्रैल 2024 में 2.10 लाख करोड़ रुपये रहा था।