रेवाड़ी। गुजरात के जामनगर में वायुसेना का जगुआर फाइटर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें शहीद हुए फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव का शुक्रवार को उनके पैतृक गांव भालखी माजरा में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। पिता सुशील यादव ने अपने बेटे की चिता को मुखाग्नि दी।
शहीद सिद्धार्थ यादव का पार्थिव शरीर शुक्रवार को रेवाड़ी लाया गया। सबसे पहले उनके पार्थिव शरीर को सेक्टर-18 स्थित उनके घर लाया गया, जहां परिवारजनों और स्थानीय लोगों ने अंतिम दर्शन किए। इस दौरान मां सुशीला यादव और बहन खुशी लगातार बिलखती रहीं। भावुक मां ने कहा, “मुझे अपने बेटे पर गर्व है। मैं हर मां से कहना चाहती हूं कि अपने बेटों को देशसेवा के लिए सेना में भेजें। मुझे उसे जन्म देने का गर्व है। हमारा पूरा परिवार सेना से जुड़ा रहा है और हमें उसकी शहादत पर फख्र है।”
इस मौके पर वायुसेना के जवानों ने सिद्धार्थ की तस्वीर और टोपी उनकी मां को सौंपकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद गांव में अंतिम यात्रा निकाली गई, जिसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए। विदाई के दौरान वायुसेना की टुकड़ी ने पारंपरिक रीति से हथियार उलटे कर शोक जताया और सलामी दी।
दुर्घटना और सिद्धार्थ का सफर
बुधवार को जामनगर एयरबेस से उड़ान भरने के कुछ समय बाद ही जगुआर फाइटर जेट क्रैश हो गया था, जिसमें फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव वीरगति को प्राप्त हो गए। सिद्धार्थ ने वर्ष 2016 में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) की परीक्षा उत्तीर्ण की थी और तीन साल के कठोर प्रशिक्षण के बाद भारतीय वायुसेना में फाइटर पायलट बने। दो साल पहले उन्हें फ्लाइट लेफ्टिनेंट के पद पर पदोन्नति मिली थी।
सिद्धार्थ की हाल ही में, 23 मार्च को सगाई हुई थी और इस साल 2 नवंबर को उनका विवाह होने वाला था। उनकी असामयिक शहादत ने पूरे क्षेत्र को शोक में डुबो दिया, लेकिन साथ ही उनके साहस और समर्पण पर हर किसी को गर्व भी है।