जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पर्यावरण-अनुकूल पहलें आवश्यक: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शुक्रवार को सिविल सेवा अधिकारियों से जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण क्षरण की बढ़ती चुनौतियों से निपटने के लिए पर्यावरण-अनुकूल पहलों को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विकास का लाभ समाज के सभी वर्गों, विशेष रूप से वंचित और हाशिए पर मौजूद लोगों तक पहुंचना चाहिए।

प्रशासनिक अधिकारियों से संवाद
लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) के 126वें प्रेरण प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल राज्य सिविल सेवा अधिकारियों ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति से मुलाकात की। इस दौरान, उन्होंने अधिकारियों से प्रशासनिक कार्यों में स्थिरता और समावेशिता को प्राथमिकता देने का आग्रह किया।

नई भूमिका में प्रेरणा का स्रोत बनने की अपील
राष्ट्रपति मुर्मु ने अधिकारियों को उनकी पदोन्नति और भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल होने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि एक जिम्मेदार प्रशासक के रूप में उन्हें अपने कार्यों से दूसरों को प्रेरित करना चाहिए और सार्वजनिक सेवा में उत्कृष्टता के लिए प्रयासरत रहना चाहिए। साथ ही, उन्होंने प्रशासनिक कार्यों और सरकारी नीतियों को लागू करने में राष्ट्रीय और समावेशी दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी।

नागरिक-केंद्रित प्रशासन पर जोर
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रशासन की सफलता लोगों की जरूरतों के प्रति जवाबदेही और संवेदनशीलता में निहित होती है। नागरिक-केंद्रित शासन में जनता के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए, खासकर गरीबों और वंचित समुदायों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि नीतियां और कार्यक्रम इस तरह लागू किए जाएं कि वे जनता की समस्याओं का प्रभावी समाधान प्रदान करें। उन्होंने यह भी कहा कि उनके निर्णय और कार्यान्वित नीतियां देश और उसके नागरिकों के विकास में सकारात्मक योगदान दें।

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