कोलकाता। देश के वीर सपूत, हवलदार झंटू अली शेख का पार्थिव शरीर शुक्रवार देर रात नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचते ही माहौल गमगीन हो उठा। जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले में आतंकियों से लोहा लेते हुए बलिदान हुए शेख को श्रद्धांजलि देने के लिए भारी संख्या में लोग उमड़े, और ‘भारत माता के वीर सपूत अमर रहें’ के नारों से पूरा एयरपोर्ट गूंज उठा।
तिरंगे में लिपटे ताबूत के सामने हर आंख नम थी। राज्य के मंत्री फिरहाद हकीम ने भी पुष्पांजलि अर्पित कर शहीद को अंतिम सलाम किया। पार्थिव शरीर को फिलहाल कोलकाता के एक शवगृह में रखा गया है, जहां से शनिवार सुबह उसे नदिया जिले स्थित उनके पैतृक गांव ले जाया जाएगा।
हवलदार झंटू अली शेख अपने पीछे पत्नी, एक बेटी और एक बेटे को छोड़ गए हैं। उनके बड़े भाई रफीकुर शेख भी सेना में सेवा दे रहे हैं। शेख की पत्नी ने नम आंखों से कहा, “अब तक यकीन नहीं हो रहा कि मेरे पति अब कभी लौटकर नहीं आएंगे। वह बच्चों के साथ खेलने वाले थे, हर किसी से हंसकर मिलने वाले थे। गुरुवार सुबह उनका आखिरी संदेश आया था — ‘अभी व्यस्त हूं, सुबह बात करूंगा।’ कौन जानता था कि यह उनकी आखिरी बात होगी।”
गांव में पसरा मातम, और शेख के मित्रों और पड़ोसियों की यादें, उनके जीवन के अनुशासन और देशभक्ति की गवाही दे रही हैं। सेना के मुताबिक, शेख 6 पैरा स्पेशल फोर्स यूनिट से जुड़े थे और गुरुवार को डूधू-बसंतगढ़ क्षेत्र में आतंकियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए।
हवलदार झंटू अली शेख का बलिदान हमेशा देशवासियों के दिलों में अमर रहेगा।