रायपुर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सोमवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा के रजत जयंती कार्यक्रम में भाग लिया और इसे संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत ‘जय जोहार’ के साथ की और छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को सराहते हुए कहा, “छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया।”
उन्होंने छत्तीसगढ़ में विकास की असीम संभावनाओं की बात करते हुए कहा कि राज्य ने लोकतांत्रिक परंपराओं को सशक्त बनाया है। राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में 25 वर्षों में कभी भी मार्शल का उपयोग नहीं हुआ है, जिससे यह आदर्श सदन के रूप में उभर कर सामने आया है। उन्होंने इस बात की भी सराहना की कि विधानसभा में 19 महिला विधायक हैं और यहां महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक है।
राष्ट्रपति ने कहा कि छत्तीसगढ़ में समावेशी विकास के लिए कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए हैं, जिनमें अंधविश्वास से मुक्ति दिलाने वाला कानून भी शामिल है। उन्होंने राज्य की लोक संस्कृति की प्रशंसा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ को महानदी, शिवनाथ और इंद्रावती जैसी नदियों का आशीर्वाद प्राप्त है।
उन्होंने छत्तीसगढ़ से अपने विशेष लगाव का जिक्र करते हुए कहा कि वह रायपुर को अपने ओडिशा का हिस्सा मानती हैं। साथ ही, उन्होंने जगन्नाथ संस्कृति को वैश्विक बताते हुए कहा कि परिसीमन की सीमाएं हो सकती हैं, लेकिन दिलों के बीच कोई दीवार नहीं होती।