रायपुर। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले मंगलवार को रायपुर पहुंचे, जहां माना स्थित स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर उन्होंने पत्रकारों से खुलकर बातचीत की। महाराष्ट्र में चल रहे भाषा विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि कक्षा एक से छह तक के छात्रों के लिए क्षेत्रीय भाषा को प्राथमिकता मिलनी चाहिए, जबकि हिंदी को स्कूली शिक्षा में जरूर शामिल किया जाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में ‘थ्री-लैंग्वेज पॉलिसी’ को लेकर विवाद गहराया हुआ है। कुछ मराठी संगठनों ने मराठी स्कूलों में अन्य भाषाओं की पढ़ाई का विरोध किया, लेकिन राज्य सरकार ने समय रहते हिंदी भाषा को अनिवार्य बनाने का फैसला वापस ले लिया। आठवले ने स्पष्ट किया कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, उसका सम्मान होना चाहिए, लेकिन शुरुआती शिक्षा मातृभाषा में होना बच्चों के विकास के लिए ज़रूरी है।
जातिगत जनगणना के मुद्दे पर उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जब सत्ता में थे तब उन्होंने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, और अब सिर्फ तंज कसना उनका काम रह गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए जातिगत जनगणना की पहल की है।
धर्मांतरण पर भी उन्होंने साफ रुख अपनाते हुए कहा कि किसी को डराकर या लालच देकर धर्म बदलवाना गलत है। यदि कोई स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करना चाहता है तो उसे इसका अधिकार है, लेकिन दबाव या प्रलोभन की स्थिति में सरकार को सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए।
पश्चिम बंगाल में भाजपा की फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी के दौरे को लेकर आठवले ने ममता सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बंगाल में अत्याचार के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि अगले चुनाव में ममता बनर्जी की सरकार सत्ता से बाहर हो जाएगी और भाजपा की जीत तय है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आगामी छत्तीसगढ़ दौरे पर प्रतिक्रिया देते हुए आठवले ने कहा, “लोकतंत्र में सभी को सभा करने और अपनी बात रखने का अधिकार है। खड़गे हमारे समाज से आते हैं, हम उनका स्वागत करते हैं।”
