नारायणपुर/रायपुर। छत्तीसगढ़ के उत्तर बस्तर और माड़ डिवीजन में सक्रिय 7 महिलाओं सहित 11 नक्सलियों ने पुलिस और सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने वाले इन नक्सलियों पर कुल 40 लाख रुपये का इनाम था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, ‘माड़ बचाओ अभियान’ से प्रभावित होकर और नक्सली विचारधारा से तंग आकर उन्होंने बिना हथियार आत्मसमर्पण किया।
प्रोत्साहन और पुनर्वास की पहल
नारायणपुर पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने बताया कि आत्मसमर्पित नक्सलियों को 25 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई और उन्हें नक्सल उन्मूलन नीति के तहत पुनर्वास और अन्य सुविधाएं दी जाएंगी। आत्मसमर्पण कार्यक्रम में जिला पुलिस बल, आईटीबीपी और बीएसएफ के अधिकारी भी उपस्थित थे।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली और उनकी पृष्ठभूमि
8 लाख के इनामी नक्सली:
- सन्नू उर्फ मंगेश उपेण्डी (38 वर्ष) – डीवीसीएम कमांडर, सीवॉयपीसी कंपनी नंबर 06, निवासी मलमेटा पंचायत, एड़ानार, अंतागढ़, कांकेर।
- सन्तु उर्फ बदरू वड़दा (35 वर्ष) – डीवीसीएम, कुतुल एरिया कमेटी, निवासी भटनार पंचायत, कुतुल, कुकड़ाझोर, नारायणपुर।
5 लाख के इनामी नक्सली:
- जनिला उर्फ जलको कोर्राम (36 वर्ष) – पीपीसीएम, माड़ डिवीजन, कंपनी 1, सेक्शन “बी” कमांडर, निवासी कौशलनार, झाराघाटी, नारायणपुर।
3 लाख के इनामी नक्सली:
- सुक्की मण्डावी (25 वर्ष) – पीएम, कंपनी नंबर 6, निवासी आरा, कुआकोण्डा, दंतेवाड़ा।
- शांति कोवाची (20 वर्ष) – माड़ डिवीजन स्टॉप टीम सदस्य, निवासी बेड़मामेटा, कुकड़ाझोर, नारायणपुर।
- मासे उर्फ क्रांति वड़दा (20 वर्ष) – ब्यूरो सप्लाई टीम सदस्य, निवासी आलबेड़ा पंचायत, कुतुल, कोहकामेटा, नारायणपुर।
- सरिता उसेण्डी (19 वर्ष) – निवासी कोडलियार, मिंचिगपारा पंचायत, कुतुल, कुकड़ाझोर, नारायणपुर।
2 लाख के इनामी नक्सली:
- मंगती (25 वर्ष) – पीएम, कुतुल एरिया कमेटी, सीएनएम अध्यक्ष, निवासी कोडलियार, कोहकामेटा, नारायणपुर।
- देवा राम उर्फ कारू वड़दा (21 वर्ष) – कुतुल एलओएस सदस्य, जनमिलिशिया कमांडर, निवासी आलबेड़ा, सरगीपारा पंचायत, कुतुल, कोहकामेटा, नारायणपुर।
- रतन उर्फ मुकेश पुनेम (21 वर्ष) – जोन डॉक्टर टीम इंचार्ज, निवासी कावड़ पंचायत, पुषनार, बीजापुर।
1 लाख के इनामी नक्सली:
- कला उर्फ सुखमती उर्फ कोटली (20 वर्ष) – नेलनार एनओएस सदस्य, निवासी आसनार पंचायत, मंडाली, ओरछा, नारायणपुर।
नक्सली उन्मूलन की दिशा में बड़ी सफलता
इस आत्मसमर्पण को छत्तीसगढ़ पुलिस और सुरक्षाबलों की नक्सल विरोधी रणनीति की बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत सहायता और सुरक्षा प्रदान की जाएगी, जिससे वे समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें।