नई दिल्ली। वैश्विक बाजारों से मिल रहे कमजोर संकेतों का असर सोमवार को एशियाई बाजारों पर भी दिखाई दे रहा है। अमेरिका और यूरोप के प्रमुख बाजारों में आई गिरावट ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है, वहीं एशियाई बाजारों में आज मुनाफावसूली और खरीदारी के बीच मिली-जुली चाल देखने को मिल रही है।
ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते तनाव का असर अमेरिकी शेयर बाजारों पर साफ नजर आया। शुक्रवार को डाउ जोंस 2% की गिरावट के साथ बंद हुआ, जबकि S&P 500 में 1.13% और नैस्डेक में 1.30% की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, सोमवार को डाउ जोंस फ्यूचर्स में हल्की बढ़त दिख रही है और यह 0.03% चढ़कर 42,208.84 अंक पर कारोबार करता नजर आ रहा है।
यूरोपियन मार्केट्स भी दबाव में ही नजर आए। FTSE इंडेक्स 0.39% गिरकर 8,850.63 पर बंद हुआ, CAC इंडेक्स 1.05% टूटकर 7,684.68 पर और DAX इंडेक्स 1.09% गिरकर 23,516.23 पर बंद हुआ।
वहीं, एशिया की बात करें तो बाजारों में हलचल साफ दिख रही है। 9 प्रमुख एशियाई बाजारों में से 5 में तेजी है जबकि 4 में गिरावट।
स्ट्रेट्स टाइम्स 0.30% गिरकर 3,899.56 पर, ताइवान वेटेड 0.32% टूटकर 22,002.80 पर और सेट कंपोजिट 0.97% लुढ़ककर 1,111.83 पर पहुंच गया है। हैंगसेंग इंडेक्स भी 0.14% की गिरावट के साथ 23,858.59 पर बना हुआ है।
हालांकि, कुछ बाजारों में मजबूती का रुझान दिखा। गिफ्ट निफ्टी 106 अंकों की छलांग के साथ 24,845.50 पर कारोबार कर रहा है। जकार्ता कंपोजिट 0.46% चढ़कर 7,199.35 तक पहुंच गया है। वहीं, निक्केई इंडेक्स 1.06% उछलकर 38,236.98 पर, कोस्पी इंडेक्स 0.78% चढ़कर 2,917.18 पर और शंघाई कंपोजिट 0.05% की मामूली बढ़त के साथ 3,378.78 पर नजर आ रहा है।
निष्कर्ष: वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक तनावों के चलते बाजारों में दबाव बरकरार है। निवेशकों की नजर अब आगे आने वाले आर्थिक संकेतों और नीति घोषणाओं पर टिकी हुई है।