गुजरात में एशियाई शेरों की तादाद में जबरदस्त बढ़ोतरी

गांधीनगर। गुजरात के सासन गिर अभ्यारण्य से एक बेहद खुशखबरी आई है। यहाँ पाए जाने वाले एशियाई शेरों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है और अब उनकी तादाद 891 तक पहुँच गई है। यह आंकड़ा इस साल 10 से 13 मई के बीच हुए 16वें शेर गणना अभियान का नतीजा है। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने बुधवार को गांधीनगर सचिवालय में इस आंकड़े का ऐलान किया।

इस साल की गिनती में नर शेर 196, मादा शेरनी 330, युवा शेर 59, युवा शेरनी 75, बच्चे 225 और छोटे बच्चों की पहचान नहीं हो सकी 6 (1 वर्ष से कम उम्र) शामिल हैं।

शेरों का इलाका भी हुआ विस्तार
शेरों की संख्या के साथ-साथ उनका निवास क्षेत्र भी गिर अभ्यारण्य की सीमाओं से बाहर फैल चुका है। वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव संजीव कुमार ने बताया कि इस बार कुल 11 जिलों की 58 तहसीलों में 35,000 वर्ग किलोमीटर इलाके को शामिल कर व्यापक गिनती की गई। इस अभियान में लगभग 3854 लोग—जिनमें वनकर्मी, स्थानीय स्वयंसेवक, न्यायालय के अधिकारी, विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और छात्र, और यहां तक कि विदेशी स्वयंसेवक भी शामिल थे—ने हिस्सा लिया।

नयी तकनीक और प्रशिक्षित स्थानीय सरपंचों ने बढ़ाया अभियान का दायरा
शेरों की गणना में ‘डायरेक्ट बीट वेरिफिकेशन’ पद्धति का इस्तेमाल हुआ, जो दशकों से कारगर साबित हो रही है। इस बार GPS, सेटेलाइट इमेजिंग, AI सॉफ्टवेयर, मल्टी एंगल फोटोग्राफी, और हाईटेक मॉनिटरिंग सिस्टम जैसे अत्याधुनिक उपकरणों का भी सहारा लिया गया। साथ ही, स्थानीय सरपंचों को प्रशिक्षित करके उन्हें भी इस मिशन से जोड़ा गया, जिससे गणना और भी सटीक हुई।

ऐसे बढ़ी गिर के शेरों की संख्या
शेरों की आबादी में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है — 1995 में 304 से शुरू होकर 2001 में 327, 2005 में 359, 2010 में 411, 2015 में 523 और 2020 में 674 तक पहुंची थी। अब यह संख्या 891 पर पहुंच चुकी है, जो गुजरात सरकार और वन विभाग की सफलता का साक्ष्य है।

यह ऐतिहासिक वृद्धि न केवल एशियाई शेरों के संरक्षण की दिशा में बड़ी उपलब्धि है, बल्कि भारत के जंगलों में जैव विविधता की समृद्धि का भी प्रमाण है।

army

डेढ़ करोड़ के इनामी नक्सली केशव राव समेत 26 नक्सली ढेर, सुरक्षा बल के वीर जवान का शहीदी पुण्य

EPFO

EPFO में युवाओं का भरोसा, मार्च 2025 में जुड़े 14.58 लाख नए सदस्य