देहरादून। श्री बदरीनाथ धाम में अभिषेक के लिए उपयोग किए जाने वाले तिल के तेल का कलश (गाडू घड़ा) 22 अप्रैल को नरेंद्र नगर के राजमहल से अपनी यात्रा की शुरुआत करेगा। यह यात्रा विभिन्न धार्मिक स्थानों से होते हुए 03 मई की शाम को बदरीनाथ धाम पहुंचेगी। इसके बाद 04 मई को सुबह 6 बजे श्रद्धालुओं के लिए बदरीनाथ धाम के कपाट विधिपूर्वक खोले जाएंगे।
डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के प्रतिनिधि 21 अप्रैल को गाडू घड़ा लेकर नरेंद्र नगर राजदरबार पहुंचेंगे। 22 अप्रैल को महारानी माला राज्यलक्ष्मी शाह की उपस्थिति में सुहागिन महिलाएं पीत वस्त्र पहनकर पारंपरिक ओखली में तिल कूटेंगी और तेल निकालकर चांदी के घड़े में भरेंगी। इसी दिन शाम को राजा मनुजयेंद्र शाह तेलकलश को बदरीनाथ धाम के लिए रवाना करेंगे।
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि 23 अप्रैल से बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की चेला चेतराम धर्मशाला, रेलवे रोड ऋषिकेश में तेलकलश गाडू घड़ा की पूजा-अर्चना शुरू होगी, और श्रद्धालु दिनभर दर्शन करेंगे और प्रसाद प्राप्त करेंगे। 23 अप्रैल को अपराह्न में गाडू घड़ा मुनिकीरेती के लिए प्रस्थान करेगा।
24 अप्रैल को गाडू घड़ा श्रीनगर (गढ़वाल) पहुंचेगा और 25 अप्रैल को तेलकलश श्रीनगर के श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर, डिम्मर गांव के लिए प्रस्थान करेगा। इसके बाद 29 अप्रैल तक तेलकलश श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर डिम्मर में रहेगा। 30 अप्रैल को यात्रा गरूड़ गंगा पाखी पहुंचेगी। 1 मई को तेलकलश गरूड़ मंदिर पाखी से पूजा के बाद नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेगा।
यहां पूजा और भोग के बाद 02 मई को गाडू घड़ा एवं आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी रावल अमरनाथ नंबूदरी जी, श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ से योगबदरी पांडुकेश्वर के लिए प्रस्थान करेंगे। 03 मई की शाम को सभी देव डोलियां पांडुकेश्वर से उद्धव जी, श्री कुबेर जी, गाडू घड़ा, आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी, रावल जी, बीकेटीसी अधिकारी, डिमरी केंद्रीय पंचायत पदाधिकारी के साथ श्री बदरीनाथ धाम पहुंचेंगी।
चार मई (रविवार) को प्रात: 6 बजे बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए जाएंगे, और इस तरह से बदरीनाथ धाम यात्रा का आधिकारिक आरंभ होगा।
वहीं, केदारनाथ धाम के कपाट 02 मई को खुलेंगे। कपाट खुलने से पहले 27 अप्रैल को उखीमठ के श्री ओंकारेश्वर मंदिर में भैरवनाथ की पूजा होगी। 28 अप्रैल को बाबा केदारनाथ की पंचमुखी मूर्ति ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से केदारनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेगी। यात्रा विभिन्न पड़ावों से होती हुई 01 मई को शायंकाल में केदारनाथ धाम पहुंचेगी।
दोनों धामों की पारंपरिक यात्राएं बड़े धूमधाम से आयोजित की जाएंगी, जिसमें स्थानीय लोग और श्रद्धालु सक्रिय रूप से भाग लेंगे।