गाजा पट्टी। गाजा पर इजराइल का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। बीते चार दिनों से लगातार हो रही भीषण बमबारी ने इंसानियत को झकझोर दिया है। रविवार को हमास को निशाना बनाते हुए किए गए इजरायली हमले में कम से कम 100 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। चार दिनों में यह आंकड़ा 300 से पार पहुंच चुका है, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और मासूम बच्चे भी शामिल हैं।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, इजराइल ने रविवार को गाजा में ज़मीनी और हवाई दोनों मोर्चों से बड़ा हमला बोला। रातभर चले इन हमलों के बाद, गाजा के उत्तरी हिस्से का अंतिम कार्यरत अस्पताल भी बंद हो गया, जिससे घायलों का इलाज और मुश्किल हो गया है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय समुदाय युद्धविराम को लेकर दबाव बना रहा है, लेकिन जमीनी सच्चाई बेहद भयावह है।
गंभीर मानवीय संकट को लेकर संयुक्त राष्ट्र और वैश्विक राहत संगठनों ने गहरी चिंता जताई है। गाजा की स्वास्थ्य एजेंसियों के मुताबिक, बमबारी इतनी भीषण थी कि कई परिवारों की मौत उस वक्त हुई जब वे सो रहे थे। दक्षिणी गाजा के अल-मवासी इलाके के शिविर में एक पूरा परिवार तबाह हो गया।
इसी बीच कतर की राजधानी दोहा में हमास और इजराइल के बीच अप्रत्यक्ष वार्ता शुरू हुई है। हमास के वरिष्ठ नेता ताहिर अल-नुनू ने वार्ता की पुष्टि की है। हालांकि, यह वार्ता बिना किसी शर्त के शुरू हुई है और इसका भविष्य फिलहाल अनिश्चित नजर आ रहा है।
इजराइल ने संकेत दिया है कि यदि हमास आत्मसमर्पण करता है, तो वह युद्ध समाप्त करने के लिए तैयार है। जवाब में हमास ने कहा है कि अगर इजराइल युद्धविराम की अंतरराष्ट्रीय गारंटी देता है, तो वह सभी इजरायली बंधकों को रिहा करने को तैयार है। हालांकि, हमास नेता सामी अबू जुहरी ने इस बात से इनकार किया है कि दो महीने के युद्धविराम के बदले नौ इजरायली बंदियों की रिहाई पर कोई सहमति बनी है।
जुहरी ने दो टूक कहा है कि जब तक इजराइल पूरी तरह से हमले नहीं रोकता, तब तक बंधकों की रिहाई की बात संभव नहीं।