खेल मंत्री मांडविया करेंगे ओलंपिक तैयारी व खेल प्रशासन पर ‘चिंतन शिविर’ की अध्यक्षता

हैदराबाद। 2028 लॉस एंजेलिस ओलंपिक की तैयारियों और 2036 ओलंपिक की मेजबानी के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, केंद्रीय युवा मामले एवं खेल तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया 7-8 मार्च को हैदराबाद में एक उच्च स्तरीय ‘चिंतन शिविर’ की अध्यक्षता करेंगे।

यह दो दिवसीय शिविर कान्हा शांतिवनम में आयोजित होगा, जहां विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खेल मंत्री, वरिष्ठ खेल प्रशासक, सरकारी अधिकारी और खेल विशेषज्ञ एक मंच पर एकत्र होकर भारत को वैश्विक खेल शक्ति बनाने की रणनीति पर चर्चा करेंगे। इस दौरान खेल प्रशासन को मजबूत करने, जमीनी स्तर पर प्रतिभा की पहचान, खेल अवसंरचना के विकास, समावेशिता बढ़ाने और सहयोगी प्रयासों को गति देने पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

डॉ. मांडविया इस सत्र में विभिन्न हितधारकों के साथ रणनीतिक चर्चा करेंगे, जहां राज्यों के प्रतिनिधि अपने सफल मॉडल और नवाचारों को साझा करेंगे ताकि राष्ट्रीय स्तर पर प्रभावी खेल नीतियों का निर्माण किया जा सके।

चिंतन शिविर के प्रमुख विषय:

  • केंद्र सरकार की खेल योजनाओं का अवलोकन व राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ समन्वय।
  • खेल विकास एवं अवसंरचना में कॉर्पोरेट भागीदारी को प्रोत्साहन।
  • जमीनी स्तर की प्रतिभाओं की खोज और उनके विकास पर जोर।
  • खेल प्रशासन में सुशासन को बढ़ावा देना।
  • खेलो इंडिया और फिट इंडिया अभियानों का विस्तार।
  • खेलों में समावेशिता को बढ़ावा देना।
  • खिलाड़ियों और कोचों के कल्याण संबंधी विषयों पर चर्चा।

खेल मंत्रालय की ओर से जारी बयान में डॉ. मांडविया ने कहा, “हाल ही में संपन्न उत्तराखंड राष्ट्रीय खेलों में भारतीय एथलीटों की सफलता हमारी अपार क्षमता को दर्शाती है। हमारा लक्ष्य ओलंपिक में उत्कृष्टता प्राप्त करना और भारत को खेलों की महाशक्ति बनाना है। यदि हम अपने विचारों और सर्वोत्तम प्रक्रियाओं को साझा करें, तो एक संगठित और सतत खेल ढांचा सुनिश्चित किया जा सकता है। ओलंपिक की मेजबानी करना एक राष्ट्रीय मिशन है और हमें एकजुट होकर इस दिशा में आगे बढ़ना होगा।”

उन्होंने राज्यों से आग्रह किया कि वे अपने सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों की पहचान करें और उन्हें कोचिंग की भूमिका में लाने पर ध्यान दें, जिससे खेल व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके और प्रतिभाओं के विकास को प्रोत्साहन मिले।

यह चिंतन शिविर भारतीय खेल जगत में बदलाव लाने और वैश्विक स्तर पर दीर्घकालिक सफलता की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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