खंडवा के कोंडावद गांव में एक साथ जलीं आठ चिताएं, कुएं में जहरीली गैस से दम घुटने से हुई थी मौत

खंडवा। मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के कोंडावद गांव में शुक्रवार सुबह एक हृदयविदारक दृश्य सामने आया, जब आठ युवकों की चिताएं एक साथ जलीं। इन सभी की मौत एक दिन पहले गांव के सार्वजनिक कुएं की सफाई के दौरान जहरीली गैस की चपेट में आने से हो गई थी। पोस्टमार्टम के बाद शुक्रवार को गांव के मुक्तिधाम में सामूहिक अंतिम संस्कार किया गया, जहां भावुक माहौल में हर आंख नम नजर आई।

गुरुवार को गणगौर पर्व के अवसर पर गांव में विशेष उत्सव चल रहा था। परंपरा के अनुसार, जवारे (अंकुरित अनाज) का विसर्जन गांव के कुएं में किया जाता है। इसी की तैयारी के दौरान कुएं की सफाई करने कुछ लोग नीचे उतरे, लेकिन जहरीली गैस (संभावित सल्फाइड या मिथेन) के कारण वे अचेत हो गए। उन्हें बचाने के लिए और लोग कुएं में उतरे, लेकिन सभी आठ लोग जान गंवा बैठे।

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस, प्रशासन, होमगार्ड और एसडीईआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। करीब तीन घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सभी शवों को बाहर निकाला गया और पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया। मृतकों की पहचान राकेश (21), वासुदेव (40), अर्जुन (35), गजानंद (35), मोहन (48), अजय (25), शरण (40) और अनिल (28) के रूप में हुई है, जो सभी पटेल परिवार से संबंधित थे।

शुक्रवार सुबह शवों को गांव लाया गया। जैसे ही एंबुलेंस गांव में पहुंचीं, वहां शोक की लहर दौड़ गई। एक साथ आठ अर्थियों को उठते देख गांव में मातम पसर गया। अंतिम संस्कार के दौरान जब बेटियों ने अपने पिता को मुखाग्नि दी, तो वहां मौजूद लोग भावुक हो उठे। इस दुखद घटना में आसपास के गांवों के लोग भी बड़ी संख्या में शामिल हुए।

खंडवा कलेक्टर ऋषभ गुप्ता और एसपी मनोज राय भी मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

यह हादसा न केवल गांव बल्कि पूरे जिले को झकझोर देने वाला रहा, जिसे ग्रामीण वर्षों तक नहीं भूल पाएंगे।

जामनगर हादसे में शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव पंचतत्व में विलीन, राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई

कैबिनेट ने ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम-II’ को दी मंजूरी, सीमावर्ती गांवों के समग्र विकास पर होगा फोकस