नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर्स (QCO) ने देश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) के लिए एक गेमचेंजर की भूमिका निभाई है। उन्होंने बताया कि QCO के जरिए न सिर्फ घरेलू उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार हुआ है, बल्कि भारतीय उद्योगों की वैश्विक प्रतिस्पर्धा भी तेजी से बढ़ी है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर शेयर किए गए एक पोस्ट में गोयल ने बताया कि MSME सेक्टर के प्रतिनिधियों के साथ हाल ही में एक हितधारक बैठक आयोजित की गई, जिसमें QCO के प्रभाव और क्रियान्वयन को लेकर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि MSMEs ने इस पहल को सकारात्मक बताया और स्वीकार किया कि इससे उपभोक्ता संतुष्टि और उत्पाद की विश्वसनीयता में जबरदस्त इजाफा हुआ है।
गोयल ने आगे कहा कि मानक निर्धारण की प्रक्रिया को अधिक समावेशी, पारदर्शी और अनुपालन में आसान बनाने के लिए MSME की प्रतिक्रिया बेहद सराहनीय रही है। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट’ विजन के अनुरूप है, जिसमें गुणवत्ता को प्राथमिकता देकर न सिर्फ घरेलू क्षमताओं को बढ़ावा दिया जा रहा है, बल्कि ‘मेड इन इंडिया’ की वैश्विक साख को भी मजबूत किया जा रहा है।
सरकार द्वारा अधिसूचित किए जा रहे QCO के साथ-साथ डीपीआईआईटी (उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग) देश में मजबूत क्वालिटी फ्रेमवर्क को स्थापित करने में जुटा है। इसके अंतर्गत टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, उत्पाद मैनुअल और प्रयोगशालाओं की मान्यता जैसी व्यवस्थाओं को लगातार बेहतर किया जा रहा है।
इस दिशा में हाल ही में एक बड़ा कदम उठाते हुए भारतीय गुणवत्ता परिषद (QCI) के तहत नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लैब्स (NABL) ने एक नया डिजिटल पोर्टल लॉन्च किया है, जिससे मान्यता प्रक्रिया को सरल बनाया जा सके और MSME व लैब्स की पहुंच को डिजिटल रूप से और भी सशक्त किया जा सके।
इन सभी प्रयासों के जरिए भारत सरकार आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करते हुए एक विश्व स्तरीय, गुणवत्ता-सम्पन्न विनिर्माण इकोसिस्टम की नींव रख रही है।