क्यूबा में आयुर्वेद को मिली जगह पर मोदी ने जताई खुशी, स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग को तैयार भारत

रियो डी जेनेरियो। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और क्यूबा के राष्ट्रपति मिगुएल डिआज-कैनेल बरमूडेज़ की मुलाकात कई अहम विषयों पर केंद्रित रही। खास बात यह रही कि पीएम मोदी ने क्यूबा की सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में आयुर्वेद को शामिल करने के फैसले की जमकर सराहना की।

यह मुलाकात ब्राजील में आयोजित 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर हुई, जहां दोनों नेताओं ने स्वास्थ्य, विज्ञान, डिजिटलीकरण और आपदा प्रबंधन जैसे बहुआयामी क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की बात कही। इससे पहले 2023 में जोहान्सबर्ग ब्रिक्स सम्मेलन में भी दोनों नेताओं की चर्चा हुई थी।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बैठक के बाद एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,

“क्यूबा के राष्ट्रपति से मिलना बेहद सकारात्मक रहा। हमने तकनीक, ऊर्जा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की। क्यूबा में आयुर्वेद को लेकर बढ़ती स्वीकार्यता भारत के लिए गौरव की बात है।”

पीएम मोदी ने क्यूबा को न सिर्फ आयुर्वेद को अपनाने के लिए धन्यवाद दिया, बल्कि भारतीय फार्माकोपिया को वहां मान्यता दिलाने का भी प्रस्ताव रखा, जिससे क्यूबा के लोग सस्ती और प्रभावी भारतीय जेनेरिक दवाओं तक आसानी से पहुंच सकें।

प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के अनुसार, दोनों देशों ने आर्थिक सहयोग, फिनटेक, क्षमता निर्माण और डिजिटलीकरण जैसे अहम क्षेत्रों में साझा कदम बढ़ाने पर सहमति जताई। खास बात यह रही कि क्यूबा ने भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और यूपीआई में गहरी दिलचस्पी दिखाई है।

इसके अलावा, दोनों नेताओं ने ग्लोबल साउथ के अहम मुद्दों जैसे स्वास्थ्य, महामारी और जलवायु परिवर्तन पर साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता भी दोहराई।

गौरतलब है कि आयुर्वेद भारत की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है, जिसकी जड़ें 5,000 साल से भी पुरानी हैं। यह ‘आयु’ (जीवन) और ‘वेद’ (ज्ञान) के समन्वय से बना विज्ञान है, जिसका उल्लेख ऋग्वेद और अथर्ववेद में मिलता है।

क्यूबा जैसे देश द्वारा आयुर्वेद को अपनाना इस बात का संकेत है कि भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति अब वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाइयां छू रही है। इस साझेदारी से न केवल द्विपक्षीय संबंध मज़बूत होंगे, बल्कि भारतीय आयुर्वेद को वैश्विक स्वास्थ्य व्यवस्था में अहम स्थान भी मिलेगा।

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LI KEQIANG, CHINA

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