नई दिल्ली। कोलकाता के एक प्रतिष्ठित लॉ कॉलेज में छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी ने इस वीभत्स अपराध को लेकर तृणमूल कांग्रेस पर सीधा निशाना साधते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफे की मांग की है।
शनिवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता के दौरान भाजपा प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा ने दावा किया कि इस मामले का मुख्य आरोपित मोनोजीत मिश्रा तृणमूल कांग्रेस से जुड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि मोनोजीत कॉलेज का पूर्व छात्र है और टीएमसी की छात्र इकाई में सचिव भी रह चुका है।
डॉ. पात्रा ने कहा, “यह बहुत ही भयावह और दिल दहला देने वाला मामला है। पश्चिम बंगाल, जहां एक महिला मुख्यमंत्री हैं, वहां महिलाओं के खिलाफ ऐसे जघन्य अपराध बार-बार क्यों हो रहे हैं? ममता बनर्जी को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तुरंत इस्तीफा देना चाहिए।”
पीड़िता की शिकायत का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि यह घिनौना अपराध 25 जून की शाम करीब 7:30 बजे से रात 10:50 बजे के बीच कॉलेज परिसर के गार्ड रूम में अंजाम दिया गया। शिकायत के अनुसार, जब छात्रा ने आरोपितों में से एक के शादी के प्रस्ताव को ठुकराया, तो उसे बेरहमी से पीटा गया और गैंगरेप का शिकार बनाया गया।
हॉकी स्टिक से पीटा, इनहेलर तक नहीं दिया:
पात्रा ने खुलासा किया कि पीड़िता को हॉकी स्टिक से बेरहमी से पीटा गया और जब उसे अस्थमा का दौरा पड़ा, तब उसने इनहेलर और अस्पताल ले जाने की गुहार लगाई, लेकिन उसे यह बुनियादी मानवीय मदद भी नहीं दी गई।
उन्होंने सवाल उठाया कि जब गार्ड परिसर में ही थे, तो यह अपराध कैसे हुआ? क्या उन्हें जानबूझकर हटाया गया था? उन्होंने आरोप लगाया कि यह पूरी वारदात टीएमसी के संरक्षण में अराजकता और क्रूरता का घिनौना उदाहरण है।
TMC सांसद की टिप्पणी पर भड़के पात्रा:
डॉ. पात्रा ने तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी की उस टिप्पणी की भी कड़ी आलोचना की, जिसमें उन्होंने कहा था, “अगर दोस्त ही दोस्त का बलात्कार करे, तो क्या किया जा सकता है?” पात्रा ने कहा कि यह टिप्पणी न केवल शर्मनाक है, बल्कि यह सत्तारूढ़ पार्टी की सोच को उजागर करती है।
उन्होंने सवाल किया कि क्या कोलकाता का यह कॉलेज राज्य के अधिकार क्षेत्र से बाहर है? क्या ममता सरकार के शासन में कानून और व्यवस्था का कोई अस्तित्व बचा है?
भाजपा की मांग है कि इस मामले में दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तुरंत इस्तीफा दें।