कैबिनेट में हलचल के बीच साउथ कोरिया के नए राष्ट्रपति ली जे-म्यांग का बड़ा फैसला, सिर्फ न्याय मंत्री का इस्तीफा स्वीकार

सोल। साउथ कोरिया की सत्ता संभालते ही राष्ट्रपति ली जे-म्यांग ने अपनी कार्यशैली का सख्त संदेश दे दिया है। बुधवार को उन्होंने अपने पहले बड़े निर्णय में कैबिनेट के सामूहिक इस्तीफे की पेशकश को ठुकरा दिया। ली ने सिर्फ न्याय मंत्री पार्क सुंग-जे का इस्तीफा स्वीकार किया, जबकि अन्य सभी मंत्रियों को उनके पद पर बने रहने का निर्देश दिया।

यह फैसला ऐसे समय में आया है जब नए राष्ट्रपति के सामने सबसे बड़ी चुनौती शासन में निरंतरता बनाए रखने की है। कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में काम कर चुके उप प्रधानमंत्री व शिक्षा मंत्री ली जू-हो ने राष्ट्रपति ली से मंत्रिमंडल के सामूहिक इस्तीफे की सिफारिश की थी। लेकिन ली ने साफ किया कि शासन व्यवस्था में कोई रुकावट नहीं आनी चाहिए।

राष्ट्रपति कार्यालय की प्रवक्ता कांग यू-जंग ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया, “राष्ट्रपति ली ने यह फैसला इसलिए लिया ताकि राज्य के कार्यों में कोई व्यवधान न आए।”

गौरतलब है कि पूर्व राष्ट्रपति यून सुक-येओल को दिसंबर में मार्शल लॉ की कोशिश के आरोपों के बाद पद से हटाया गया था। इसके बाद समय से पहले चुनाव कराए गए और बिना किसी ट्रांजिशन पीरियड के ली ने अगले ही दिन राष्ट्रपति पद की शपथ ली।

चुनाव से ठीक एक दिन पहले यून द्वारा नियुक्त सभी कैबिनेट सदस्यों ने अपना इस्तीफा सौंप दिया था। लेकिन नए मंत्रिमंडल की नियुक्ति में हफ्तों का समय लग सकता है, क्योंकि इसके लिए संसदीय पुष्टि प्रक्रिया अनिवार्य है। ऐसे में मौजूदा मंत्रियों का बने रहना जरूरी माना जा रहा है।

न्याय मंत्री पार्क पर यून के कार्यकाल में मार्शल लॉ की साजिश में शामिल होने के आरोप लगे थे, जिन पर अप्रैल में महाभियोग भी लगाया गया था, हालांकि बाद में संवैधानिक न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया।

इस बीच राष्ट्रपति ली ने अपने करीबी और डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता किम मिन-सोक को देश का अगला प्रधानमंत्री नियुक्त करने की घोषणा की है। किम न केवल चार बार के सांसद हैं, बल्कि ली के चुनावी अभियान में एक प्रमुख रणनीतिकार भी रहे हैं।

ली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “किम के पास नीतिगत अनुभव, अंतरराष्ट्रीय सोच और राजनीतिक नेतृत्व की क्षमता है। वे देश को संकट से उबारने और जनता की आर्थिक परेशानियों को दूर करने के लिए उपयुक्त व्यक्ति हैं।”

इस फैसले से साफ है कि राष्ट्रपति ली देश में स्थिर शासन के साथ तेज़ फैसलों की राह पर हैं।

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