नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से सटे गांवों के सर्वांगीण विकास के लिए ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम – II’ को स्वीकृति दे दी है। इस योजना के लिए कुल 6,839 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जिसे पूरी तरह से केंद्र सरकार वहन करेगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस योजना को मंजूरी मिली। बैठक की जानकारी देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह कार्यक्रम सीमावर्ती क्षेत्रों के ब्लॉकों में आने वाले गांवों के चहुंमुखी विकास को सुनिश्चित करेगा।
यह योजना 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों – अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, त्रिपुरा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण गांवों में लागू की जाएगी।
प्रमुख उद्देश्य:
- सीमावर्ती गांवों में बेहतर जीवन सुविधाएं और आजीविका के अवसर विकसित करना
- सुरक्षित और सुव्यवस्थित सीमाओं की स्थापना
- सीमापार अपराधों पर नियंत्रण
- स्थानीय निवासियों को राष्ट्र की मुख्यधारा से जोड़ना
- सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सीमा सुरक्षा बल के सहयोगी (आंख और कान) के रूप में सक्रिय करना
यह योजना राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में एक रणनीतिक पहल मानी जा रही है।