केदारनाथ-गुप्तकाशी के बीच दर्दनाक हादसा: हेलिकॉप्टर क्रैश में 23 माह की बच्ची सहित 7 की मौत, खराब मौसम बना काल

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा के दौरान एक बार फिर बड़ा हादसा हुआ है। शनिवार सुबह एक हेलिकॉप्टर केदारनाथ से गुप्तकाशी लौटते समय गौरीकुंड के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस भीषण हादसे में पायलट समेत सभी 7 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मरने वालों में एक 23 महीने की मासूम बच्ची भी शामिल है। हादसे की वजह खराब मौसम बताई जा रही है।

हादसा सुबह करीब 5:21 बजे हुआ, जब आर्यन एविएशन कंपनी का हेलिकॉप्टर केदारनाथ से छह श्रद्धालुओं को लेकर गुप्तकाशी के लिए रवाना हुआ था। लेकिन उड़ान भरने के महज चार मिनट बाद ही हेलिकॉप्टर गौरी माई खर्क नामक स्थान पर एक पेड़ से टकरा गया और जोरदार धमाके के साथ क्रैश हो गया। हादसे के बाद मौके पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ और पुलिस की टीमें पहुंचीं और रेस्क्यू अभियान चलाया। सभी शव बरामद कर लिए गए हैं। घटनास्थल पर हेलिकॉप्टर का मलबा बुरी तरह जला हुआ मिला।

हादसे में जान गंवाने वालों की पहचान:

  • राजकुमार सुरेश जयसवाल (41) – नंदीपेरा रोड, सैन मंदिर, महाराष्ट्र
  • श्रद्धा सुरेश जयसवाल (35) – पत्नी राजकुमार
  • काशी (23 महीने) – पुत्री राजकुमार
  • विक्रम सिंह रावत (46) – रांसी गांव, ऊखीमठ, रुद्रप्रयाग
  • विनोद देवी (66) – बिजनौर, उत्तर प्रदेश
  • तुष्टि सिंह (19)
  • कैप्टन राजीव – पायलट, राजस्थान

जिला प्रशासन और हेलिकॉप्टर सेवा नोडल अधिकारी की प्रतिक्रिया:

केदारनाथ यात्रा में हेलिकॉप्टर सेवा के नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने हादसे की पुष्टि करते हुए कहा कि तेज़ बर्फीली हवाओं और खराब मौसम के चलते हेलिकॉप्टर का संतुलन बिगड़ गया और वह पेड़ से टकरा गया। घटना की जानकारी सभी मृतकों के परिजनों को दे दी गई है।

जिलाधिकारी डॉ. सौरभ गहरवार ने बताया कि शवों का पंचनामा भरकर आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

तीसरा बड़ा हेलिकॉप्टर हादसा इस सीजन में:

गौरतलब है कि इस साल की केदारनाथ यात्रा में यह तीसरा बड़ा हेलिकॉप्टर हादसा है। इससे पहले:

  • 17 मई को एम्स ऋषिकेश की हेली एंबुलेंस ‘संजीवनी’ को इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी।
  • 7 जून को क्रिस्टल कंपनी का हेलिकॉप्टर बडासू से टेकऑफ के दौरान रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर उतर गया था।

इस हादसे ने केदारनाथ यात्रा की हवाई सेवाओं को लेकर फिर से गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर व्यवस्थाएं कितनी पुख्ता हैं, इस पर अब सरकार और प्रशासन को पुनः विचार करना होगा।

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