केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने डॉ. कस्तूरीरंगन के निधन पर शोक व्यक्त किया

नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को पद्म विभूषण डॉ. के. कस्तूरीरंगन के निधन पर गहरी शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं। मंत्री ने कहा कि डॉ. कस्तूरीरंगन की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को तैयार करने में अहम भूमिका उनकी दूरदर्शिता का प्रतीक है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक अमूल्य और परिवर्तनकारी धरोहर बनकर रहेगा।

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “भारत ने इसरो के एक महान वैज्ञानिक और हमारे शिक्षा सुधारों के मार्गदर्शक को खो दिया है। उनकी सोच और योगदान से न केवल भारतीय वैज्ञानिकों को दिशा मिली, बल्कि उनका प्रभाव आने वाली पीढ़ियों के लिए अनमोल रहेगा।”

केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “पद्म विभूषण डॉ. के. कस्तूरीरंगन के निधन से मैं अत्यंत दुखी हूं। उनका निधन न केवल वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय के लिए अपूरणीय क्षति है, बल्कि मेरे लिए यह व्यक्तिगत हानि भी है। वे मेरे लिए केवल एक गुरु नहीं, बल्कि एक मार्गदर्शक, ज्ञान के स्त्रोत और करुणा के प्रतीक थे। मुझे गर्व है कि मुझे वर्षों तक उनका आशीर्वाद और मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।”

उन्होंने आगे कहा, “डॉ. कस्तूरीरंगन न केवल एक वैज्ञानिक और नीति निर्माता थे, बल्कि वे हर दृष्टि से एक राष्ट्र निर्माता थे। उनकी दूरदर्शिता और विचारशीलता ने हमारे शैक्षिक और वैज्ञानिक परिदृश्य को आकार दिया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में उनकी भूमिका एक स्थायी प्रमाण है कि उन्होंने अपने योगदान से भारत के भविष्य के लिए एक नया रास्ता दिखाया।”

धर्मेंद्र प्रधान ने डॉ. कस्तूरीरंगन के परिवार, उनके सहकर्मियों और उन लाखों छात्रों, विद्वानों तथा प्रशंसकों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त की, जिनके जीवन में उनका योगदान अनमोल रहेगा। उन्होंने कहा, “भारत हमेशा उनकी महान बुद्धिमत्ता, शांत नेतृत्व और राष्ट्र के प्रति उनके निस्वार्थ सेवा के लिए कृतज्ञ रहेगा।”

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