नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत मजदूरी बढ़ाकर 400 रुपये और साल में कम से कम 150 दिन का रोजगार देने की जोरदार मांग की है। उनका कहना है कि यह कदम देश के ग्रामीण मजदूरों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए बेहद जरूरी है।
खरगे ने आज एक बयान जारी करते हुए कहा कि संसद की स्थायी समिति ने भी मनरेगा मजदूरों के लिए 400 रुपये दैनिक मजदूरी की सिफारिश की थी। इसके साथ ही उन्होंने अमरजीत सिन्हा की उच्चस्तरीय समिति की रिपोर्ट का भी हवाला दिया, जिसमें मजदूरी बढ़ाने और मनरेगा के बजट को बढ़ाने की सिफारिश की गई थी। बावजूद इसके, खरगे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार इस मुद्दे पर गंभीर नहीं दिख रही और ऐसा लगता है कि सरकार ने मनरेगा मजदूरी बढ़ाने से साफ इनकार कर दिया है।
उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने मनरेगा के पंजीकृत मजदूरों को आधार आधारित भुगतान की शर्त पर बाहर कर दिया है और पिछले 10 वर्षों में मनरेगा का बजट सबसे कम आवंटित किया गया है। खरगे ने आरोप लगाया कि सरकार ने जानबूझकर इस योजना को कमजोर किया है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि मनरेगा देश के सबसे गरीब परिवारों के लिए कांग्रेस द्वारा लाया गया एक अहम अधिकार है। इसलिए उनकी पार्टी की दो मुख्य मांगें स्पष्ट हैं: 1) मनरेगा श्रमिकों के लिए रोज़ाना 400 रुपये की न्यूनतम मजदूरी तय की जाए। 2) साल में कम से कम 150 दिन का काम दिया जाए।
यह बयान एक समय पर आया है जब मनरेगा की स्थिति को लेकर देशभर में बहस जारी है, और कांग्रेस ने इसे गरीबों के हक की लड़ाई के रूप में पेश किया है।