कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी में एक छात्रा के साथ हुए गैंगरेप मामले ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। कोलकाता के लॉ कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा के साथ कथित रूप से तीन छात्रों द्वारा की गई दरिंदगी के बाद सड़कों पर गुस्सा फूट पड़ा है। वहीं अब इस संवेदनशील मामले को लेकर कोलकाता पुलिस ने सख्त रुख अपनाया है। पुलिस ने स्पष्ट शब्दों में कहा है—अगर किसी ने पीड़िता की पहचान उजागर की, तो उसे कानून का सामना करना पड़ेगा।
कोलकाता पुलिस ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट जारी कर कहा, “हमारे संज्ञान में आया है कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर या अन्य माध्यमों से पीड़िता की पहचान से जुड़ी जानकारियां साझा कर रहे हैं। यह एक गंभीर अपराध है। जो भी ऐसा करता पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे ऐसी कोई भी जानकारी या दस्तावेज साझा करने से बचें जिससे पीड़िता की पहचान उजागर हो। साथ ही यह भी कहा गया कि “पीड़ित की गरिमा और गोपनीयता का सम्मान करना न केवल एक कानूनी दायित्व है, बल्कि एक नैतिक जिम्मेदारी भी है।”
इस भयावह घटना में पीड़िता ने कॉलेज के ही तीन छात्रों पर गैंगरेप का आरोप लगाया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इनमें से एक आरोपी सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस की छात्र इकाई से जुड़ा हुआ है। पुलिस ने न केवल तीनों आरोपियों—मोनोजीत मिश्रा, जैब अहमद और प्रमित को गिरफ्तार किया है, बल्कि उस दिन कॉलेज में ड्यूटी पर मौजूद सिक्योरिटी गार्ड को भी हिरासत में लिया गया है। फिलहाल तीनों आरोपी पुलिस रिमांड में हैं, जिसकी अवधि मंगलवार को पूरी हो रही है।
इधर, इस मामले ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है। भाजपा ने कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधते हुए तीखा हमला बोला है। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा, “‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ का नारा सिर्फ दिखावा है, असली दर्द नजरअंदाज किया जा रहा है। क्या महिलाओं की सुरक्षा पर अब भी आपकी आवाज नहीं उठेगी?”
कसबा गैंगरेप केस अब कानून, सियासत और समाज की तीन दिशाओं में बहस का मुद्दा बन चुका है—लेकिन सबसे बड़ी प्राथमिकता पीड़िता की सुरक्षा, न्याय और उसकी गरिमा की रक्षा होनी चाहिए।
