बांदीपुरा: कश्मीर घाटी में आतंक के खिलाफ सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी सामने आई है। बांदीपुरा में शुक्रवार सुबह हुई मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा का कुख्यात कमांडर अल्ताफ लाली मारा गया। यह वही आतंकी है, जो हाल ही में 26 लोगों की जान लेने वाले खूनी हमले में शामिल था।
विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन चलाया। जैसे ही आतंकियों की मौजूदगी पक्की हुई, इलाके को घेर लिया गया और मुठभेड़ शुरू हो गई। शुरुआती गोलीबारी में एक आतंकी घायल हुआ, जो बाद में मारा गया। इस कार्रवाई में दो पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।
इसी दौरान सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी श्रीनगर पहुंचे और ऑपरेशन की स्थिति का गहराई से जायजा लिया। उन्होंने पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों की तलाश के लिए चल रही कार्रवाई की समीक्षा भी की।
सिर्फ मुठभेड़ ही नहीं, सख्त एक्शन मोड में आई प्रशासनिक टीम ने हमले में शामिल आतंकियों के घरों को भी ज़मीनदोज़ कर दिया। बिजबिहाड़ा में आदिल हुसैन थोकर के घर को IED से उड़ा दिया गया, जबकि त्राल में आतंकी आसिफ शेख का घर बुलडोजर से नेस्तनाबूद कर दिया गया।
आदिल पर आरोप है कि उसने पाकिस्तानी आतंकियों को बैसरन घाटी में हमला करने में मदद की थी, जहाँ 26 निर्दोष लोगों को बेरहमी से मार डाला गया था। अनंतनाग पुलिस ने इन आतंकियों की जानकारी देने पर ₹20 लाख का इनाम घोषित किया है। साथ ही मुख्य आरोपियों — अली भाई, हाशिम मूसा और थोकर — के स्केच भी जारी किए गए हैं।
हमलावर सेना की वर्दी में थे और गोलीबारी से पहले लोगों से धर्म के आधार पर पहचान पत्र दिखाने को कहा गया। जो गैर-मुस्लिम निकले, उन्हें बेरहमी से AK-47 से गोलियों से भून दिया गया। चश्मदीदों की मानें तो यह हमला इंसानियत पर सीधा हमला था।