नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित टिप्पणी के मामले में गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी स्टेटस रिपोर्ट पेश कर दी है। एसआईटी ने इस जांच को पूरी करने के लिए और समय की मांग की है।
एसआईटी की रिपोर्ट में बताया गया है कि जांच अभी प्रारंभिक चरण में है। मामले से जुड़ा विवादित वीडियो भोपाल के फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) को जांच के लिए भेजा गया था, लेकिन संसाधनों की कमी के कारण वह वापस लौट गया। साथ ही, एक पत्रकार के मोबाइल फोन को भी जांच के लिए एफएसएल को भेजा गया है। अब तक सात गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं, साथ ही एसआईटी ने वीडियो और मीडिया रिपोर्टों का भी गहन अध्ययन किया है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपनी रजिस्ट्री को निर्देश दिया था कि वह एसआईटी की स्टेटस रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर ले। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने इस मामले में जांच प्रक्रिया की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए कहा था कि एसआईटी का नेतृत्व पुलिस महानिरीक्षक या उससे ऊपर के अधिकारी को करना होगा।
मध्य प्रदेश सरकार ने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया था कि वे महिला आईपीएस अधिकारी सहित तीन वरिष्ठ अधिकारियों की एसआईटी गठित करें, जो भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मंत्री विजय शाह के खिलाफ दर्ज एफआईआर की जांच करेंगी।
यह विवाद तब शुरू हुआ था जब विजय शाह ने भारत के सैन्य अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संदर्भ में कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ विवादित बयान दिया था, जिससे देशभर में विरोध की लहर उठी थी।
अब एसआईटी से उम्मीद है कि वे शीघ्र ही जांच पूरी कर इस मामले में न्यायिक कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।