ओटावा। कनाडा में सोमवार को हुए संसदीय चुनाव में प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की लिबरल पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, लेकिन बहुमत से वह अभी भी दूर है। पियरे पोइलिव्रे की कंजर्वेटिव पार्टी के लिए यह एक बड़ा झटका साबित हुआ है। कनाडा के प्रमुख न्यूज चैनल सीटीवी के अनुसार, लिबरल पार्टी चुनाव जीतने में सफल रही है, लेकिन बहुमत के लिए जरूरी 172 सीटों से वह पीछे है। इस समय, लिबरल पार्टी 156 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि कंजर्वेटिव पार्टी के उम्मीदवार 145 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। हाउस ऑफ कॉमन्स में कुल 343 सीटें हैं।
सीटीवी न्यूज के मुताबिक, लिबरल पार्टी ने सत्ता बरकरार रखी है, हालांकि ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के नतीजे अभी आना बाकी हैं, जहां लिबरल पार्टी को अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है। एंगस रीड इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष शाची कुर्ल के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कड़े टैरिफ़ रुख के कारण प्रधानमंत्री कार्नी के लिए चुनावी फायदा हुआ है। कार्नी ने वाशिंगटन के साथ सख्त रुख अपनाने का वादा किया था, साथ ही कनाडा को अमेरिका पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए अरबों खर्च करने की योजना बनाई थी।
इस बीच, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि वह कनाडा में निर्मित कारों पर 25 प्रतिशत टैरिफ़ बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा, उन्होंने कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने की बात भी की थी, जिसे उन्होंने सोशल मीडिया पर सोमवार को फिर से दोहराया। सीटीवी न्यूज के अनुसार, कनाडा की दो छोटी पार्टियां – न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी और ब्लॉक क्यूबेकॉइस, लिबरल पार्टी का समर्थन कर सकती हैं, जिससे सरकार बनाने की संभावना बनी हुई है।