नई दिल्ली। भारतीय महिला हॉकी टीम, जो इस समय ऑस्ट्रेलिया दौरे पर है, अब अपने अभियान को जीत के साथ समाप्त करने की उम्मीद कर रही है। टीम का सामना 3 और 4 मई को ऑस्ट्रेलिया की सीनियर हॉकी टीम से होगा, जो विश्व स्तर पर एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी मानी जाती है। ऐसे में भारतीय टीम के लिए यह चुनौती आसान नहीं होगी, लेकिन टीम इन मुकाबलों में जीत हासिल करके अपनी अब तक की निराशाजनक स्थिति को पीछे छोड़ना चाहती है।
अब तक इस दौरे में भारतीय महिला टीम को कोई भी जीत नहीं मिली है। कप्तान सलीमा टेटे और उपकप्तान नवनीत कौर की अगुवाई में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया की सीनियर टीम से एक मुकाबला खेला था, जिसमें उन्हें 0-2 से हार का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा, भारत ने ऑस्ट्रेलिया ‘ए’ टीम के खिलाफ दो दोस्ताना मुकाबले खेले, लेकिन जीत हासिल करने में विफल रही।
टीम इस दौरे को आगामी हॉकी विश्व कप और इस साल के अंत में यूरोप में होने वाली एफआईएच प्रो लीग के लिए तैयारी के तौर पर देख रही है। ऐसे में मुख्य कोच हरेंद्र सिंह नई रणनीतियों और खिलाड़ियों के संयोजन को परखने में जुटे हुए हैं।
कोच हरेंद्र सिंह ने कहा, “यह दौरा हमारे लिए बेहद अहम है। भले ही हम अब तक जीत नहीं सके, लेकिन खिलाड़ियों के प्रदर्शन में कई सकारात्मक पहलू सामने आए हैं। हार से निराशा जरूर होती है, खासकर जब हम आसान गोल गंवा बैठते हैं, लेकिन ऐसे मुकाबले खिलाड़ियों को मानसिक तौर पर मजबूत बनाते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “टीम के युवा खिलाड़ियों के लिए यह एक बेहतरीन अवसर है। जितने अधिक मैच खेलेंगे, उनका आत्मविश्वास और अनुभव उतना ही बढ़ेगा। इस दौरे का उद्देश्य सिर्फ परिणाम नहीं है, बल्कि टीम को भविष्य की बड़ी प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करना है।”
भारतीय महिला हॉकी टीम अब दौरे के अंतिम दो मुकाबले 3 और 4 मई को पर्थ में खेलेगी। ये दोनों मुकाबले भारतीय समयानुसार दोपहर 3:10 बजे से शुरू होंगे। टीम और कोचिंग स्टाफ की नजर इन मुकाबलों में जीत हासिल कर आत्मविश्वास के साथ दौरे का समापन करने पर है।