नई दिल्ली। इस बार का ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। चोटों, फिटनेस की समस्याओं और खराब फॉर्म से जूझ रहे भारतीय शटलरों को कड़े मुकाबलों का सामना करना पड़ेगा।
प्रकाश पादुकोण (1980) और पुलेला गोपीचंद (2001) के ऐतिहासिक खिताब जीतने के बाद से कोई भी भारतीय इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में जीत हासिल नहीं कर सका है। पीवी सिंधु, साइना नेहवाल और किदांबी श्रीकांत ने भले ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं, लेकिन ऑल इंग्लैंड ओपन का खिताब अभी भी भारतीय खिलाड़ियों की पहुंच से बाहर है।
चोट और खराब फॉर्म बनी चुनौती
भारतीय खिलाड़ियों के लिए यह टूर्नामेंट आसान नहीं होगा।
- पी. वी. सिंधु चोट से उबरकर वापसी कर रही हैं और अपने अभियान की शुरुआत कोरिया की गा उन किम के खिलाफ करेंगी।
- एच. एस. प्रणय चिकनगुनिया से जूझने के बाद अभी भी पूरी लय में नहीं लौटे हैं।
- लक्ष्य सेन खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं और उनका सामना जापान के कोकी वतनबे से होगा।
- सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी अपने पिता के निधन के बाद मानसिक रूप से कठिन दौर से गुजर रहे हैं।
भारतीय शटलरों के ड्रॉ पर नजर
महिला सिंगल्स
- पी. वी. सिंधु दूसरे दौर में चीन की हान यूए से भिड़ सकती हैं, जबकि क्वार्टरफाइनल में इंडोनेशिया की ग्रेगोरिया मारिस्का तुंजुंग उन्हें कड़ी टक्कर दे सकती हैं।
- मालविका बंसोड़ का सामना सिंगापुर की जिया मिन यो से होगा।
पुरुष सिंगल्स
- लक्ष्य सेन, जो पिछले साल सेमीफाइनल तक पहुंचे थे, इस बार अपने अभियान की शुरुआत जापान के कोकी वतनबे के खिलाफ करेंगे।
- एच. एस. प्रणय, जो अब वर्ल्ड रैंकिंग में 30वें स्थान पर खिसक चुके हैं, पहले दौर में फ्रांस के टोमा जूनियर पोपोव से भिड़ेंगे।
पुरुष डबल्स
- सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी भारत की सबसे बड़ी उम्मीद होगी। वे पहले मुकाबले में डेनमार्क के डेनियल लुंडगार्ड और मैड्स वेस्टेगार्ड से भिड़ेंगे।
महिला डबल्स
- ट्रीसा जॉली और गायत्री गोपीचंद चीनी ताइपे की शुओ युन सुंग और चिएन हुई यू के खिलाफ उतरेंगी।
- अश्विनी पोनप्पा और तनिशा क्रास्टो का सामना पेई शान ह्सी और एन-त्ज़ू हंग से होगा।
मिक्स्ड डबल्स
- भारत की तीन जोड़ियां प्रतियोगिता में भाग लेंगी:
- रोहन कपूर और रुत्विका शिवानी गड्डे
- ध्रुव कपिला और तनिशा क्रास्टो
- सतीश करुणाकरण और आद्या वरियाथ
भारतीय शटलरों के लिए कठिन परीक्षा
चोट और खराब फॉर्म के चलते यह टूर्नामेंट भारतीय खिलाड़ियों के लिए आसान नहीं होगा, लेकिन वे बेहतर प्रदर्शन के इरादे से कोर्ट पर उतरेंगे।