जाग्रेब। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ऐतिहासिक क्रोएशिया दौरा बुधवार को उस वक्त चर्चा में आ गया जब वह राजधानी जाग्रेब स्थित बान्सकी द्वोरी महल पहुंचे और क्रोएशियाई प्रधानमंत्री आंद्रज़ प्लेंकोविच से मुलाकात की। यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की क्रोएशिया की पहली आधिकारिक यात्रा थी, जिसने दोनों देशों के बीच रणनीतिक रिश्तों को एक नई ऊंचाई दी।
मोदी के स्वागत में क्रोएशिया ने दिखाई अनोखी गर्मजोशी—खुद प्रधानमंत्री प्लेंकोविच एयरपोर्ट पहुंचे और औपचारिक समारोह में मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस दौरान भारत और क्रोएशिया के बीच रिश्तों को नई दिशा देने वाले कई महत्वपूर्ण विषयों पर बातचीत हुई।
बैठक में व्यापार, निवेश, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, रक्षा, संस्कृति और शिक्षा जैसे अहम क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की सहमति बनी। दोनों पक्षों ने इंफ्रास्ट्रक्चर, पोर्ट डेवलपमेंट, डिजिटलाइजेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, फार्मास्युटिकल्स, नवीकरणीय ऊर्जा और पर्यटन जैसे भविष्योन्मुखी क्षेत्रों में भागीदारी मजबूत करने पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की कुशल युवा शक्ति का उल्लेख करते हुए क्रोएशिया के साथ कौशल विकास और गतिशीलता पर संस्थागत साझेदारी का प्रस्ताव रखा। इसके अलावा इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (IMEC) के तहत आपसी कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने पर भी सहमति बनी।
अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी हुई बात—संयुक्त राष्ट्र सुधार, जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद जैसे विषयों पर दोनों नेताओं ने विचार साझा किए। भारत ने आतंकवाद के खिलाफ सहयोग के लिए क्रोएशिया का आभार भी जताया।
इस ऐतिहासिक भेंट के दौरान दोनों देशों के बीच चार अहम समझौतों पर हस्ताक्षर हुए—जिनमें कृषि, विज्ञान एवं तकनीकी शोध, सांस्कृतिक साझेदारी और क्रोएशिया में हिंदी चेयर के नवीकरण को लेकर समझौते शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने क्रोएशियाई जनता को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं देते हुए दोनों देशों की सभ्यतागत विरासत को भी सराहा।
गौरतलब है कि भारत और क्रोएशिया के बीच राजनयिक संबंध 1992 में स्थापित हुए थे। अब इस ऐतिहासिक यात्रा के जरिए इन संबंधों को नई ऊर्जा, दिशा और गहराई मिली है—जिससे आने वाले वर्षों में द्विपक्षीय सहयोग के और भी द्वार खुलने की उम्मीद है।