वाशिंगटन। दुनिया के सबसे अमीर शख्स और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने आखिरकार ट्रंप प्रशासन से दूरी बना ली है। मस्क ने बुधवार को एक्स (पूर्व ट्विटर) पर ऐलान किया कि वह अब वाशिंगटन छोड़ रहे हैं और सरकारी दक्षता विभाग की जिम्मेदारी से खुद को अलग कर रहे हैं। यह वही विभाग है जिसकी कमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें जनवरी में दी थी—जिसका मकसद था सरकारी खर्चों में कटौती।
मस्क ने इस फैसले की वजह साफ करते हुए कहा कि वह अब अपनी कंपनियों पर पूरा ध्यान देना चाहते हैं। हालांकि व्हाइट हाउस का कहना है कि मस्क और ट्रंप के बीच अब भी निजी तौर पर संबंध बेहतर हैं, लेकिन मस्क ने संघीय तंत्र में सुधार की राह में आने वाली बाधाओं को लेकर निराशा जताई है।
ट्रंप की नीतियों पर मस्क का करारा तंज
मस्क ने ट्रंप की घरेलू नीति, खासकर टैक्स सुधार कानून को भी आड़े हाथों लिया। उनका कहना है कि यह नीति राष्ट्रीय घाटा बढ़ाने वाली है। इसके अलावा उन्होंने प्रशासन से एक ऐसी कंपनी की भी शिकायत की, जिसने मिडिल ईस्ट में एआई डेटा सेंटर के निर्माण के बदले ट्रंप की राजनीति को 100 मिलियन डॉलर देने का वादा किया था—जो अब तक पूरा नहीं हुआ।
दोस्ती में आई दरार!
कभी ट्रंप के करीबी माने जाने वाले मस्क ने राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान न सिर्फ खुलकर समर्थन किया था, बल्कि उनकी उम्मीदवारी के लिए 250 मिलियन डॉलर का योगदान भी दिया था। लेकिन अब यह रिश्ता धीरे-धीरे दरकता नजर आ रहा है। मस्क ने एक्स पर लिखा, “मेरी विशेष सरकारी कर्मचारी की भूमिका अब समाप्त हो रही है। मैं राष्ट्रपति ट्रंप को खर्च में कटौती के मिशन के लिए धन्यवाद देता हूं, जो भविष्य में और सरकारों के लिए एक उदाहरण बनेगा।”
क्या यह मस्क-ट्रंप गठबंधन का अंत है?
जिस तरह से एलन मस्क ने ट्रंप प्रशासन से दूरी बनाई है, वह अमेरिकी राजनीति और कारोबारी दुनिया के समीकरणों में बड़ा बदलाव माना जा रहा है। किसी ने नहीं सोचा था कि ट्रंप और मस्क का मजबूत नजर आने वाला गठजोड़ इतनी जल्दी टूट जाएगा।