भोपाल। मध्य प्रदेश को डिजिटल और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक वैश्विक हब बनाने के उद्देश्य से आयोजित ‘एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2025’ का शुभारंभ रविवार, 27 अप्रैल को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव करेंगे। इंदौर के ‘ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर’ में होने वाले इस ऐतिहासिक आयोजन में देश-विदेश के बड़े टेक कंपनियों के दिग्गज और उद्योग के विशेषज्ञ एक मंच पर जुटेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विश्वास जताया है कि यह कॉन्क्लेव न केवल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में मध्य प्रदेश को वैश्विक मानचित्र पर स्थापित करेगा, बल्कि निवेशकों के लिए एक सुनहरा अवसर भी साबित होगा। राज्य के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आयोजित यह कॉन्क्लेव, जीआईएस-भोपाल में आए निवेश प्रस्तावों को वास्तविकता में बदलने का अहम कदम है।
जनसंपर्क अधिकारी सोनिया परिहार ने बताया कि ‘एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2025’ प्रदेश का पहला सेक्टर आधारित टेक कॉन्क्लेव होगा, जो नए निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए एक बेहतरीन मंच बनेगा। इस कार्यक्रम में गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, एनवीडिया जैसी बड़ी टेक कंपनियों के प्रतिनिधि, 300 से अधिक उद्योगपति, नीति निर्माता और निवेशक शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव इस मौके पर प्रदेश की चार नई तकनीकी नीतियों – GCC नीति, ड्रोन नीति, सेमीकंडक्टर नीति और एवीजीसी-एक्सआर नीति की गाइडलाइन्स जारी करेंगे। इन नीतियों का उद्देश्य राज्य में नवाचार, अनुसंधान और निर्माण को प्रोत्साहित करना है, जिससे प्रदेश में तकनीकी उद्यमिता और क्षमताओं को नई ऊंचाइयां मिल सकेंगी।
कॉन्क्लेव के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव नए आईटी पार्क, स्किल डेवलपमेंट सेंटर्स और स्टार्ट-अप इन्क्यूबेटरों का भूमि-पूजन करेंगे। इसके साथ ही वह ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ और इन्क्यूबेशन हब का शुभारंभ करेंगे। इसके अलावा प्रमुख निवेशकों के साथ एमओयू और आवंटन पत्रों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे और इंवेस्टमेंट फैसिलिटेशन पोर्टल का भी शुभारंभ होगा। इस पोर्टल से निवेशकों को प्रोजेक्ट्स की रियल-टाइम ट्रैकिंग और एकल खिड़की की सुविधा प्राप्त होगी।
कॉन्क्लेव के दौरान टेक्नोलॉजी क्षेत्र में चर्चा और विचारों के आदान-प्रदान के लिए सेक्टर-स्पेसिफिक राउंड टेबल मीटिंग्स, सूचना प्रौद्योगिकी सलाहकार बोर्ड से VC संवाद और मुख्यमंत्री की टेक-लीडर्स के साथ वन-टू-वन बैठकें भी आयोजित की जाएंगी।
‘एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2025’ मध्य प्रदेश को डिजिटल इंडिया के भविष्य में अग्रणी बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल साबित होगा और यह जीआईएस-भोपाल की निवेश प्रतिबद्धताओं को साकार करने में अहम भूमिका निभाएगा।