नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के दिल्ली स्कूल ऑफ जर्नलिज्म द्वारा स्वामी विवेकानंद स्मृति राष्ट्रीय वाद-विवाद प्रतियोगिता और “एक राष्ट्र, एक चुनाव” विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन बुधवार को वाइस रीगल लॉज स्थित कन्वेंशन हॉल में किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल ने कहा कि “एक राष्ट्र, एक चुनाव” भारतीय लोकतंत्र के लिए फायदेमंद साबित होगा। उन्होंने इसे लोकतांत्रिक सुधार प्रक्रिया का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया और कहा कि यह प्रणाली देश को नेतृत्व के लिए नए चेहरे प्रदान करेगी। उन्होंने बार-बार चुनाव कराने की प्रक्रिया को देश के विकास में “स्पीड ब्रेकर” करार दिया और छात्रों को वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।
दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि यदि लोकसभा और सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएं, तो इससे समय और संसाधनों की बचत होगी। उन्होंने यह भी कहा कि “एक राष्ट्र, एक चुनाव” भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने में सहायक साबित हो सकता है।
उन्होंने यह तथ्य सामने रखा कि 1947 से अब तक देश में लगभग 400 चुनाव हो चुके हैं, यानी हर साल औसतन 5 चुनाव होते हैं। इसके चलते शासन और विकास कार्यों पर प्रभाव पड़ता है। उन्होंने इस प्रकार के आयोजनों को लोकतंत्र को मजबूत करने वाला बताया।
वाद-विवाद प्रतियोगिता के विजेता
इस राष्ट्रीय वाद-विवाद प्रतियोगिता में देशभर से 70 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। दिल्ली विश्वविद्यालय के आत्मा राम सनातन धर्म कॉलेज के आदित्य अग्रहरि और महक मौर्या ने प्रथम स्थान प्राप्त किया और उन्हें ₹11,000 का पुरस्कार एवं चल वैजयंती प्रदान की गई। हिंदू कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय के वैभव मल्लावत को सर्वश्रेष्ठ वक्ता घोषित किया गया।