गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कहा है कि देश की पीड़ा का असली कारण 1947 में हुआ विभाजन है, जब मां भारती के अंग काट दिए गए, जबकि जंजीरें कटनी चाहिए थीं। गांधीनगर में ‘गुजरात अर्बन ग्रोथ स्टोरी’ के 20 साल पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “एक कांटा पूरे शरीर को दर्द देता है, और अब हम वह कांटा निकालकर ही दम लेंगे।”
प्रधानमंत्री ने 1947 के बाद हुए पहले आतंकी हमले का ज़िक्र करते हुए बताया कि कैसे पाकिस्तान ने कश्मीर में मुजाहिदीनों के जरिये भारत की जमीन हड़पने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि अगर उसी वक्त निर्णायक कदम उठाया जाता, तो देश को 75 साल तक आतंकवाद का दंश नहीं झेलना पड़ता।
पाकिस्तान को चेतावनी: “युद्ध कर रहे हो तो जवाब भी वैसा ही मिलेगा”
प्रधानमंत्री ने हाल ही में 6 मई को मारे गए आतंकियों को पाकिस्तान की तरफ से तिरंगे में लपेटे जाने और उन्हें सलामी देने की घटना का हवाला देते हुए कहा, “ये ‘प्रॉक्सी वॉर’ नहीं, बल्कि पूरी रणनीति के साथ लड़ा जा रहा युद्ध है। और जब युद्ध किया जा रहा है, तो उसका जवाब भी युद्ध जैसा ही मिलेगा।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान अब सीधे युद्ध में भारत से जीत नहीं सकता, इसलिए उसने आतंकवाद को रणनीतिक हथियार बना लिया है। लेकिन भारत अब हर मोर्चे पर जवाब देने को तैयार है—निर्णायक और पूरी ताकत के साथ।
सिंधु जल समझौता: “अभी तो गेट ही खोले थे, पाकिस्तान में बाढ़ आ गई”
प्रधानमंत्री मोदी ने सिंधु जल संधि पर भी खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि यह समझौता भारत के हितों को नुकसान पहुंचा रहा था और जैसे ही कुछ गेट खोले गए, पाकिस्तान में बाढ़ आ गई। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, “अभी तो हमने पूरी कार्रवाई शुरू ही नहीं की है और वे पहले ही घबरा गए हैं।”
‘ऑपरेशन सिंदूर’ और ‘मेक इन इंडिया’ को बताया देशभक्ति
इस दौरान उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को सिर्फ सेना का अभियान न बताते हुए इसे 140 करोड़ देशवासियों की जिम्मेदारी करार दिया। उन्होंने विदेशी उत्पादों की जगह ‘मेक इन इंडिया’ को अपनाने की अपील करते हुए कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए हर नागरिक को अपनी भूमिका निभानी होगी।
शहरी विकास और पर्यटन को बताया भारत की अर्थव्यवस्था का इंजन
प्रधानमंत्री मोदी ने छोटे शहरों को भारत की आर्थिक प्रगति का इंजन बताया और कहा कि भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का रास्ता इन्हीं शहरों से होकर गुजरता है। उन्होंने गुजरात की उपलब्धियों का ज़िक्र करते हुए कहा कि कैसे रिवरफ्रंट, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम कल्पनाओं को जमीन पर उतारने का नतीजा हैं।
प्रधानमंत्री ने वडनगर और कच्छ जैसे शहरों को विश्व मानचित्र पर उभरता हुआ बताया और कहा कि पर्यटन भारत की सबसे बड़ी ताकत बन सकता है, बशर्ते हम उसकी पूरी क्षमता का दोहन करें।
संदेश साफ है—अब भारत हर मोर्चे पर तैयार है, चाहे वो आतंकी हो, रणनीतिक हो या आर्थिक।