उत्तर प्रदेश में राशन वितरण व्यवस्था हुई और अधिक पारदर्शी, 10 लाख लाभार्थियों ने अन्य राज्यों में कराई ई-केवाईसी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले आठ वर्षों में गरीब और जरूरतमंदों तक राशन पहुंचाने की प्रक्रिया को न केवल प्रभावी बनाया है, बल्कि इसे डिजिटल तकनीकों के माध्यम से अधिक पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त भी किया है। ‘सेवा, सुरक्षा और सुशासन’ के संकल्प को साकार करते हुए योगी सरकार ने खाद्य एवं रसद विभाग के माध्यम से तकनीकी नवाचारों को अपनाया, जिससे प्रदेश के 1.15 करोड़ से अधिक राशन कार्डधारकों को सीधा लाभ मिल रहा है।

सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, राशन वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए ई-केवाईसी और आधार सत्यापन प्रणाली को लागू किया गया है। इसके तहत, अब राशन कार्डधारकों को देश के किसी भी उचित दर की दुकान पर ई-केवाईसी कराने की सुविधा प्राप्त हो रही है। खाद्य एवं रसद विभाग के आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2025 तक 77.37 प्रतिशत लाभार्थियों (1,15,37,940 राशन कार्डधारकों) ने अपनी ई-केवाईसी पूरी कर ली है। उल्लेखनीय है कि 10.02 लाख लाभार्थियों ने अन्य राज्यों में भी अपनी ई-केवाईसी कराई है, जो इस व्यवस्था की व्यापकता को दर्शाता है। इसके अलावा, इस डिजिटल पहल ने अपात्र कार्डधारकों की पहचान कर उन्हें प्रणाली से हटाने में मदद की है, जिससे वास्तविक जरूरतमंदों तक खाद्यान्न पहुंच सुनिश्चित हो रहा है। सरकार का लक्ष्य जल्द से जल्द शत-प्रतिशत लाभार्थियों की ई-केवाईसी पूरी कर वितरण प्रणाली को और अधिक सशक्त बनाना है।

ई-पॉस मशीनों से भ्रष्टाचार पर लगाम

राशन वितरण में ई-पॉस मशीनों के उपयोग ने पारदर्शिता को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। इन मशीनों के माध्यम से खाद्यान्न सीधे लाभार्थियों तक पहुंच रहा है, जिससे बिचौलियों और भ्रष्टाचार पर प्रभावी नियंत्रण हुआ है। यह तकनीकी नवाचार न केवल समय पर राशन उपलब्धता सुनिश्चित कर रहा है, बल्कि गरीबों की खाद्य सुरक्षा को भी मजबूत कर रहा है।

‘अन्नपूर्णा भवन’ में मिलेगी अतिरिक्त सुविधाएं

सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली को और अधिक सशक्त बनाने के लिए उचित दर दुकानों को आधुनिक स्वरूप देने की दिशा में कार्य कर रही है। इसके तहत ‘अन्नपूर्णा भवन’ का निर्माण मनरेगा जैसी योजनाओं के माध्यम से किया जा रहा है। वर्तमान में 3,534 अन्नपूर्णा भवन तैयार हो चुके हैं, जबकि 2,000 और निर्माणाधीन हैं। ये भवन न केवल खाद्यान्न वितरण केंद्र के रूप में कार्य करेंगे, बल्कि यहां अन्य जनसुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।

भवन में दो अलग-अलग कक्ष बनाए जा रहे हैं—एक में सरकारी राशन का भंडारण होगा, जबकि दूसरे में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) संचालित किया जाएगा। इस केंद्र से जन्म, मृत्यु, आय और जाति प्रमाणपत्र जैसी सेवाएं दी जाएंगी। साथ ही, यहां बिजली बिल भुगतान, ब्रॉडबैंड सेवा, सस्ती जेनरिक दवाएं और दैनिक उपयोग की वस्तुओं की बिक्री की सुविधा भी उपलब्ध होगी।

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