उज्जैन। अखिल भारतीय पंचायत परिषद और मध्य प्रदेश राज्य परिषद के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को उज्जैन के खाक चौक पर सरपंच महासम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में इंदौर और उज्जैन संभाग के 1,000 से अधिक सरपंचों ने भाग लिया। उन्होंने अपनी मांगों को सरकार के सामने रखा और चेतावनी दी कि यदि उन्हें पूरा नहीं किया गया तो वे विधानसभा का घेराव करेंगे।
सरपंचों की प्रमुख मांगें
- पंचायतों को मिलने वाली राशि में 40% की कटौती की गई है, जिससे गांवों के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
- सरकार को कटौती की भरपाई कर 20% अतिरिक्त राशि मिलाकर भुगतान करना चाहिए।
- सरपंचों को 4,200 रुपये की जगह 50,000 रुपये वेतन दिया जाए।
- जनपद और जिला पंचायत अध्यक्षों के वेतन में वृद्धि की जाए।
- सरपंचों को वेतन के साथ पेंशन सुविधा प्रदान की जाए।
सम्मेलन में उज्जैन के सरपंच रहे अनुपस्थित
गौरतलब है कि यह महासम्मेलन मुख्यमंत्री मोहन यादव के गृह नगर उज्जैन में आयोजित किया गया था, लेकिन उज्जैन जिले के सरपंच इसमें शामिल नहीं हुए।
नेताओं की प्रतिक्रिया
- महिला पंचायती राज मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष प्रीति सिंह ने कहा कि सरपंचों को निधि नहीं दी जा रही, जिससे गांवों का विकास प्रभावित हो रहा है।
- ऑल इंडिया पंचायती परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंह जादौन ने कहा कि अगर सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानीं, तो हम विधानसभा का घेराव करेंगे।
आगे की रणनीति
सरपंचों ने साफ किया कि यदि उनकी मांगों को जल्द नहीं माना गया, तो वे विधानसभा के घेराव सहित अन्य बड़े आंदोलन करने के लिए तैयार हैं।